आंवला के फायदे और नुकसान – यहाँ Amla के विभिन्न Benefits और Side Effects को जानें!



आंवला एक फल होता है| इसका आकार गोल होता है,और स्वाद में हल्का कड़वा होता है| इसमें पाया जाने वाला विटामिन के कारण आंवला स्वास्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है आंवला आयुर्वेद में सर्वोत्तम औषधीय में से एक है, यह बालों और त्वचा के लिये बहुत लाभकारी होता है| आंवला को रसायन द्रव्यों में भी बहुत अच्छा माना जाता है,चरक सहिंता के अनुसार आंवला आयु बढाने, पाचन ठीक करने, खांसी और कुष्ठ को ठीक करने में अच्छी औषधीय है,आंवला का प्रयोग आज से नहीं बल्कि वौदिक काल से चला आ रहा है| इस लेख को अंत तक पढ़ें और आंवला के फायदे और नुकसान के बारे में जानें साथ ही आप आंवला के फायदे और नुकसान (Benefits and Side Effects of Amla in Hindi) पर आधारित इस लेख को भविष्य में उपयोग करने के लिए सेव भी कर सकते हैं।

यहाँ एलोवेरा के फायदे और नुकसान पढ़ें।

आंवले का परिचय | Introduction of Amla in Hindi

आंवला के फायदे और नुकसान जानने से पहले हम आंवला का परिचय देखते हैं। आंवला एशिया, अफ्रीका और यूरोप में पाया जाता है, यह घरों में बगीचों और जंगलों में देखा जाता है, यह एक क्षारीय पौधा होता है, जिसकी लम्बाई लगभग 8-10 मीटर (20-25 फिट) तक होती है| यह त्वचा और बालों के लिये बहुत ही फायदेमंद होता है| आंवले में पाए जाने वाले विटामिन्स, मिनरल और पोषक तत्त्वों के कारण इसका उपयोग करना और भी जरूरी हो जाता है, आंवले का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है | जिसे आप आगे इस लेख में जानेंगे प्रायः इसका रंग हल्का हरा होता है इसके सेवन से आयु में वृद्धि, यौवन, स्वास्थ्य, मेधा और स्मरणशक्ति बढती है, च्यवनप्राश और ब्राम्हा रसायन आंवले से ही तैयार किये जाते हैं |

गिलोय के फायदे, नुकसान और औषधीय गुण

आंवला के अन्य नाम | Different Name of Amla in Hindi 

आंवला के फायदे और नुकसान जानने से पहले हम आंवला के विभिन्न नामों को जानें। आंवला का वानस्पतिक नाम (Scientific Name of Amla) पांईलैंथस एम्बलिका (Phyllanthus Emblica) है, न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है | जो नीचे इस प्रकार हैं –

Amla in –

संस्कृत में अमृता, अमृत,फल, आमलकी, पंचरसा
हिन्दी में आमला, आँवला, आवरा, आवला, औरा
अंग्रेजी में एम्ब्लिक माइरीबालन(Emblicmyrobalan), इण्डियन गूजबेरी
गुजरती में आमली(Amli), आमला
मराठी में आँवले(Anwale), आवलकाठी(Aawalkathi)
पंजाबी में आमला
बंगाली में आमलकी (Amlaki), आमला
असम में आमलुकी (Amluki), अमला
तमिल में नेल्लिमार (Nellimaram)
तेलुगु में उसरिकाय (Usirikai)
नेपाली में अमला (Amla)
अरबी में आमलज्ज
मलयालम में नेल्लिमारम(Nellimaram), नेल्लिका(Nellikka)
कन्नड़ में नेल्लिकाय (Nellikai), नेल्लि (नेल्लि)
उर्दू में आंवला (Anwala)
उडिया में औंला (Onola)



आंवला के फायदे और नुकसान – आंवला के फायदे (Benefits of Amla in Hindi) –

दोस्तों आंवले का सेवन करने से कई फायदे हैं, यह आपके स्वास्थ्य के लिये कई प्रकार से मदद करता है, आंवला पित्त, वात और कफ तीनों को संतुलित करता है|

1. पाचन तन्त्र में आंवला खाने के फायदे –

आंवले का सेवन करना पाचन तन्त्र के लिये बहुत अच्छा होता है, आंवले का जूस पीने से कब्ज और गैस से राहत मिलती है| क्योंकि आंवले में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो पाचन में सुधार करके पाचन क्रिया को स्वस्थ बनाता है | आंवला लेग्जेटिक का काम करता है, आंवले के सेवन से शरीर में मल के द्वारा हानिकारक विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं |

2. कब्ज में आंवला खाने के फायदे –

आज के समय में जिस तरह का खान–पान है, इसकी वजह से बहुत से लोग कब्ज की समस्या से परेशान हैं, इसके लिये आंवले का सेवन फायदेमंद हो सकता है |

3. एसिडिटी में आंवला के लाभ –

एसिडिटी होना आज के समय में आम बात तो गई है | एसिडिटी में आंवले का बीज बहुत लाभकारी हो सकता है, आंवले के लगभग 10 ग्राम बीज को रातभर पानी में भिगोकर रखें और सुबह इसे पीस कर 250 ग्राम गाय के दूध में इसका सेवन करें ऐसा करने से एसिडिटी में फायदा होता है |

4. वजन कम करने में आंवला खाने के फायदे –

मोटापे की समस्या से परेशान लोगों के लिये आंवला फायदेमंद होता है, आंवला शरीर में मौजूद गन्दगी और टोक्सिंस को साफ करके वजन कम करने में सहायक होता है यदि आप रोजाना इसका सेवन करते हैं, तो शरीर में गन्दगी नहीं जम पाती है,जो आपके वजन को कम करने में बहुत मदद करता है |

5. डायबिटीज में आंवला खाने के फायदे –

डायबिटीज के मरीजों के लिये आंवला के फायदे (Amla ke Fayde in HIndi) बहुत कारगर साबित होते हैं, आंवला में क्रोमियम तत्त्व पाए जाते हैं, जो कि इन्सुलिन हार्मोन को मजबूत बनाता है, और ब्लड शुगर को कन्ट्रोल करता है, डायबिटीज के मरीज आंवले के रस में शहद मिलाकर इसका सेवन करें इससे बहुत आराम मिलता है |

6. कैंसर में आंवला खाने के फायदे –

चूँकि आंवले में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, इसके साथ ही एंटी-कैंसर गुण भी पाए जाते हैं, एक रिसर्च के अनुसार आंवला कैंसर सेल की ग्रोथ को रोकता है इसलिए इसका उपयोग कैंसर से बचाव के लिये भी किया जाता है, आंवला का सेवन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने वाला होता है, इसके सेवन से यह कैंसर के जीवियों को काफी हद तक कम करने में मदद करता है | हालाँकि आंवला कैंसर के लिये कितना प्रभावशाली है, इसमें अभी और शोध किये जाने की आवश्यकता है |

7. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आंवला –

आंवला खाने के फायदे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी मदद करते हैं | रोजाना आंवला का सेवन करने से प्रतिरोधक क्षमता बढती है, और साथ ही शरीर में ऊर्जा का संचार भी होता है |

8. बालों के लिये आंवला खाने के फायदे –

आंवला के फायदे बालों के लिये भी बहुत उपयोगी हैं | बालों से ही किसी इंसान की शोभा बढती है बालों का घने, लम्बे और सुन्दर बनाने के लिये लोग तरह-तरह के शैम्पू, तेल इसके अलावा कई सारे प्रोडक्ट्स उपयोग (Use) करते हैं | लेकिन यदि आप प्रतिदिन आंवला का उपयोग करते हैं ,तो इससे न सिर्फ बालों की ग्रोथ अच्छी होती है बल्कि बाल मजबूत बनते हैं | यदि आप लगातार आंवले का सेवन करते हैं तो बालों की रुसी, गंजापन और बाल सफ़ेद होने की समस्या दूर होती है |

  • बालों को झड़ने से रोकने में –

जैसा की हम सब जानते हैं, की आंवला में विटामिन सी पाया जाता है ,जो बालों के लिये बहुत ही जरूरी होता है | आंवले में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाए जाने के कारण बालों का झड़ना कम होता है और बाल मजबूत बनते हैं |

  • रुसी को कम करने में –

आंवला में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं ,जो बालों में डैंड्रफ (रुसी) एक्जिमा जैसी परेसानियों से छुटकारा दिलाते हैं |

  • बालों को सफ़ेद होने से रोंके –

बालों के सफ़ेद होने में आंवला खाने के फायदे (Amla ke fayde in hindi) बहुत ही लाभकारी सिद्ध होते हैं, बालों में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जो पिग्मेटेंसन को समर्द्ध बनाता है यदि किसी के बाल उम्र से पहले सफ़ेद हो गए हैं | तो वो लगातार आंवला का सेवन करते रहें कुछ ही दिन के बाद आप देखेंगे की आपके सफ़ेद बाल काले हो गए हैं | आप चाहें तो अपने सिर पर आंवला पाउडर या पेस्ट को लगा सकते हैं,इससे आपके सिर की त्वचा को भरपूर मात्रा पोषण मिलता है |

  • बालों की वृद्धि में आंवला –

आंवले में पाए जाने वाले फैटी एसिड के कारण बालों की ग्रोथ (विकास) बहुत तेजी से होती है, आंवले में पाए जाने वाले पोषक तत्त्वों के कारण बाल लम्बे, घने, मुलायम बनते हैं,इसके साथ ही बालों की जड़ें मजबूत बनती हैं | बालों को स्वस्थ बनाये रखने के लिये सिर पर आंवले के तेल की मालिश करनी चाहिये |

9. गले के लिये आंवला खाने के फायदे –

खान-पान की वजह से गले में थायराइड (Thyroid) जैसी समस्या हो जाती है तब यदि आप आंवले का सेवन करते हैं तो यह गले को स्वस्थ बनाता है, यदि आप आंवले के जूस के साथ उसमे थोडा सा अदरक मिलाकर सेवन करते हैं, तो यह थाइरोइड और गले की समस्या से निजात दिलाता है |अगर आप आंवले के रस में अदरक के रस और एक चम्मच शहद मिलाकर इसे पीते हैं तो इससे खांसी से छुटकारा मिलता है |

10.हड्डियों के लिये आंवला खाने के फायदे –

आपने इस लेख में ऊपर आंवला के पौष्टिक तत्त्व में पढ़ा ही है, कि आंवले में कैल्शियम पाया जाता है | यह हड्डियों को मजबूत बनाता है,आंवला वात में भी लाभकारी होता है, और जोड़ों के दर्द से निजात दिलाता है | यदि आप नियमित रूप से आंवले का सेवन करते हैं,तो इससे हड्डियों से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं |

11 .मल त्याग में आंवला खाने के फायदे –

आंवले में विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट (Anti-Oxident) गुण पाए जाते हैं,आंवला गुर्दे और मूत्राशय के लिये बहुत जरूरी होता है, यदि आप अपने दिन की शुरुआत आंवले से करते हैं | तो मूत्र प्रणाली स्वस्थ बनती है और साथ ही मल त्याग करने में आसानी हो जाती है,अर्थात् मल त्याग के दौरान ज्यादा ताकत नहीं लगानी पड़ती है | इससे गुर्दे स्वस्थ रहते हैं और यहपथरी में भी लाभकारी होता है | इसलिए आंवला गुर्दे और मूत्राशय को स्वस्थ रखने के साथ यह गर्भाशय के संक्रमण से बचाव करने में फायदेमंद होता है |

12. ह्रदय स्वास्थ्य में आंवला खाने के फायदे –

ह्रदय सम्बन्धी समस्या को कम करने के लिये और ह्रदय को स्वस्थ बनाये रखने के लिये आंवला के फायदे बहुत ही लाभकारी होते हैं,आंवला में औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसके सेवन से ह्रदय स्वस्थ रहता है और ह्रदय सम्बन्धी परेशानी भी दूर होती हैं |

13. आँखों की रोशनी में आंवला खाने के फायदे –

दोस्तों, जर्नल ऑफ़ फार्माकोग्नासी एंड फाइटोकेमिस्ट्री के एक शोध के अनुसार आंवला का सेवन करने से कंजेकिटवाइटिस एवं ग्लूकोमा आँखों के विकारो को दूर करने में मदद करता है  दरअसल कंजेकिटवाइटिस में आंख के सफ़ेद हिस्से में सूजन की समस्या हो जाती है,जबकि ग्लुलोमा में आंख की रोशनी अथवा नजर कमजोर होने की समस्या होने लगती है, तब यदि आप आंवले के जूस का सेवन करते हैं या फिर आंवले के जूस में शहद मिलाकर इसका सेवन करते हैं तो आँखों से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं |

14. सूजन कम करने में आंवला खाने के फायदे –

आपने लेख के शुरू में पढ़ा ही है की आंवले में बहुत से पोषक तत्त्व और एंटी-इन्फ्लामेट्री जैसे गुण पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक होते हैं | जिससे मांसपेशियों और हड्डियों में भी सूजन को कम करने में मदद मिलती है इसलिए आंवला जूस के फायदे सूजन को काफी हद तक कम करने में लाभकारी होते हैं |

15. पीलिया में आंवले खाने के फायदे –

यदि कोई भी इंसान पीलिया की समस्या से जूझ रहा है तो उसके लिये आंवले का सेवन करना बहुत फायदेमंद हो सकता है वो आंवले को बहुत तरह से सेवन कर सकते हैं | जैसे- आंवला चूर्ण, जूस, चटनी, मुरब्बा आदि |

16. दिमाग (स्मरणशक्ति) में आंवला खाने के फायदे –

दिमाग के लिये भी आंवले के फायदे बहुत जरूरी हैं, आंवले का सेवन करने से मस्तिष्क में खून का संचार ठीक से होने लगता है,जिससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है और साथ ही स्मरणशक्ति भी बढती है,आंवला में मौजूद विटामिन और खनिज जो की मस्तिष्क के लिये बहुत जरूरी होते हैं, इसके अलावा आंवला में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट मस्तिष्क को स्वस्थ बनाये रखते हैं आंवला के सेवन करने से मेधा और स्मरणशक्ति मजबूत होती है जिससे व्यक्ति की एकाग्रता बढती है |

17. दांतों के लिये आंवला खाने के फायदे –

दांतों की समस्या की लिये आंवला एक लाभकारी औषधीय है | कई लोगों के दांतों में कीड़े लग जाते हैं ऐसे में उनके दांत दर्द करने लगते हैं दरअसल दांतों में कीड़े लगने का मुख्य कारण स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन होता है,लेकिन आंवले के सेवन से यह स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन नामक बैक्टीरिया को रोकने में मदद करता है,आंवला में एक एंटी-माईक्रोबाल एजेंट पाया जाता है,जो कि बैक्टीरिया को मारकर उससे होने वाली समस्या को ख़त्म करता है |

18. नकसीर में आंवले खाने के फायदे –

यदि आपको नकसीर की समस्या है, तो नकसीर में आंवला के फायदे के लिये, आंवले के बीज को शुद्ध घी में तल लें अब इसे अच्छे से पीस लें और इसका पेस्ट बना कर रोज माथे पर लगाएं, ऐसा करने से नकसीर की समस्या दूर हो जाती है |

19. स्किन में आंवला खाने के फायदे –

आंवला का सेवन करना त्वचा के लिये बहुत फायदेमंद होता है आंवला एंटी-एजिंग फल होता है इसके सेवन से चेहरे से झुर्रियां ठीक होती हैं,आंवले का हर रोज सेवन करने से यह उम्र से पहले बुढा दिखने की समस्या को दूर करके लम्बी उम्र प्रदान करता है  एवं चेहरे में चमक लाता है,इसलिए सभी को आंवले का सेवन करना करना चाहिये |

20. बॉडी को डिटाक्स करे आंवला –

आंवला बॉडी को डिटोक्स करने का बहुत अच्छा रसायन होता है आंवले का सेवन करने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है आंवला में एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है आंवला का लगातार सेवन करने से शरीर में से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं |

21. एनीमिया में आंवला खाने के फायदे –

एनीमिया अथवा खून की कमी होने का मुख्य कारण है, आयरन की कमी  शरीर में आयरन की कमी हो जाने से एनीमिया अथवा खून की कमी की शिकायत हो जाती है | जैसा की आप सब जानते हैं, की आंवले में आयरन पाया जाता है, जिसका सेवन करने से एनीमिया जैसी समस्या दूर हो जाती है |

22. बवासीर में आंवले खाने के फायदे –

बवासीर के मरीजों के लिये आंवला के फायदे फायदेमंद हो सकते हैं,बवासीर की समस्या ज्यादा मसालेदार खाना अथवा ज्यादा मिर्च का सेवन करने से हो सकती है | बवासीर में आंवले का जूस पीना बहुत फायदेमंद और लाभकारी होता है |यदि बवासीर में अधिक खून आ रहा है तो 5-10 ग्राम आंवले के चूर्ण में दही से ऊपर की परत (दही की मलाई) के साथ सेवन करें |


आंवले का उपयोग कैसे करें | How to Use Amla in Hindi

आंवला को आप एक नहीं बल्कि कई तरीकों से इसका सेवन कर सकते हैं जैसे – आंवले का जूस, चूर्ण के रूप में, आंवले का फल, आचार, चटनी, मुरब्बा इत्त्यादि तरीकों से यदि आप आंवले का सेवन करते हैं | तो आप भी आंवले के गुणों का फायदा ले सकते हैं |

  • आंवले का जूस –

आंवले का जूस जोकि आंवले के कच्चे फलों से निकाला जाता है,इसमें विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो सेहत के लिये बहुत उपयोगी होता है |

  • आंवले का चूर्ण –

आंवले का चूर्ण, इसे सुखा कर पीस के बनाया जाता है ,इसे अपने पास रखने और लम्बे समय तक बनाये रखने के लिये आंवला चूर्ण बहुत अच्छा तरीका है, आंवले का फायदा लेने लिये आप इसे किसी और फ्रूट्स के साथ भी ले सकते हैं |

आंवला जूस कैसे बनायें | How to Make Amla Juice in Hindi

  • आंवले का जूस बनाने के लिये सबसे पहले आप फ्रेश आंवला ले लें |
  • अब आंवले को काटकर इसकी गुठली अलग कर दें |
  • इसके बाद कटे हुए आंवले को मिक्सर या जूसर मे डालकर इसका जूस निकाल लें | और अब आपका जूस तैयार है |
  • आप इसे फ्रिज में रखकर कई दिनों तक इसका सेवन कर सकते हैं | यह जल्दी ख़राब नहीं होता |
  • इसे पीने के लिये आप इसमें नमक डालकर भी पी सकते हैं या फिर आंवला जूस में शहद डालकर पीने से यह फायदेमंद होता है |

kg आंवला में लगभग 500-600 ग्राम जूस निकलता है |

आंवला चूर्ण कैसे बनायें 

  • आंवला चूर्ण बनाने के लिये सबसे पहले आंवले को ठीक से धुल लें और फिर किसी सूखे कपडे से इन्हें पोछ लें |
  • अब आंवले को पतला-पतला काटकर इसकी गुठली निकाल कर अलग अलग कर दें |
  • अब किसी कपड़े में कटे हुए आंवले को फैला लें और इसके ऊपर से भी पतला कपड़ा डालकर इसे सूखने के लिये धूप में छोड़ दें |
  • लगभग 5-6 दिन तक ठीक से सूखने के बाद आंवले को मिक्सी के जार में डाल दें और इसे ठीक से बारीक पीस लें |
  • इसके बाद किसी पतले कपडे में इसे छान लें अब आपका चूर्ण बनकर तैयार है |

आंवले का तेल कैसे बनायें 

  • आंवले का तेल बनाने के लिये सबसे पहले आपको ताजे आंवले का जूस निकाल लेना है |
  • फिर किसी बर्तन में आंवला जूस और नारियल के तेल को एक साथ मिला लें |
  • अब इस मिश्रण को गैस में कम से कम 15-20 मिनट तक धीमी आंच में पकाएं |
  • ठीक से पकने के बाद इसे ठंडा होने के लिये छोड़ दें |
  • ठंडा होने के बाद इसे किसी पतले कपड़े से छान लें |
  • और अब आप इस तेल का उपयोग अपने बालों में कर सकते हैं |

आंवले का मुरब्बा कैसे बनायें 

आंवले का मुरब्बा बनाना बहुत ही आसान है इसके लिये –

  • आपको धुले हुए आंवले को लेकर उन पे छेद कर लेना है ताकि चासनी आंवले के अन्दर तक जा सके |
  • अब किसी बर्तन में 2 गिलास पानी को लेकर गैस में उबलने के लिये छोड़ दें पानी उबलने के बाद गैस को बंद कर दें |
  • अब गर्म पानी में आंवले को डालें  इसके साथ ही इसमें फिटकरी डाल दें और किसी बर्तन से ढक दें |
  • अब 1 से 2 घंटे के बाद आंवले को पानी से अलग कर दें और आंवले से भी पानी को निचोड़ ले |
  • अब आंवले को 3 से 4 घंटे के लिये धूप में सूखने के लिये रख देंगे धूप में आंवले को सुखाने के बाद, अब चासनी बनायेंगे |
  • चासनी बनाने के लिये हम पानी के बराबर मात्रा में चीनी डालकर इसे ठीक से पकाएंगे |
  • अब हम चाछनी में आंवला डालेंगे और इसके साथ ही इसमें 5 से 6 इलायची पीसकर डाल देंगे |
  • अब हम इसे ढक देंगे और 1 से 2 घंटे धीमी आंच में पकने के लिये छोड़ देंगे |
  • आधे से एक घंटे बाद आप देखेंगे की इसका रंग गुलाब जामुन जैसा दिखने लगा है और आंवला बहुत मुलायम हो चुका है तो अब आपका मुरब्बा बनकर तैयार है |

आंवले की चटनी कैसे बनायें 

आंवले की चटनी बनाने के लिये आपको इन चीज़ों की जरूरत पड़ेगी-

  • सामग्री
  • 3 से 5 आंवले
  • नींबू
  • हरा धनिया 50-100 ग्राम
  • 2 से 3 हरी मिर्च
  • स्वादानुसार नमक / काला नमक

बनाने की विधि :

  • चटनी बनाने के लिये सबसे पहले तो आंवला, हरी मिर्च, धनिया और नमक को मिक्सर में डालकर ठीक से पीस लें |
  • अब इस मिक्सर या पेस्ट को किसी बर्तन में निकल लें और अब आप इसमें नीबूं का रस मिलाकर खा सकते हैं |

अभी तक आपने पढ़ा आंवला के फायदे और नुकसान,आंवले का उपयोग अब आप इस लेख में पढ़ेंगे आंवला खाने या जूस पीने का सही समय और तरीका –

आंवला खाने या जूस पीने का सही समय और तरीका 

आप और हम आंवले का सेवन कई तरीकों से कर सकते हैं, आप इस लेख में जान ही चुके हैं लेकिन अब बात आती है की आंवला खाने या जूस पीने का सही समय क्या है जिससे की आंवला खाने के फायदे (Amla khane ke fayde in hindi) ज्यादा से ज्यादा मिल सके |

  • सुबह खाली पेट आंवला का सेवन करने से यह बहुत ही फायदेमंद होता है |
  • सुबह आंवले के जूस में शहद मिलाकर पीने से यह और भी लाभकारी हो जाता है |
  • आंवले के चूर्ण को सुबह खाली पेट और रात में गर्म पानी के साथ सेवन करने से यह बहुत फायदेमंद होता है |

आंवले को सुरक्षित कैसे रखें 

आंवले को कुछ तरीकों के द्वारा इसे लम्बे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं  जैसे – आंवले का रस निकालकर, आंवले का चूर्ण बनाकर, आंवले का मुरब्बा और आंवले का अचार बनाकर इत्यादि तरीकों से आप आंवले के फायदे (Amla ke fayde) लेने के लिये इसे लम्बे समय तक बनाये रख सकते हैं |

आंवला के फायदे और नुकसान – आंवला के नुकसान (SideEffect of Amla in Hindi)

आंवला एक आयुर्वेदिक औषधीय है आंवला के फायदे और नुकसान आंवला का सेवन करना पूरे शरीर के लिये बहुत फायदेमंद होता है लेकिन इसके बावजूद इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, यही आप आंवले का सेवन अधिक मात्रा में करते है, तो यह आपके लिये नुकसानदायक साबित हो सकता है |

  • आंवले में फाइबर पाया जाता है,जिसके परिणामस्वरूप इसका अधिक सेवन करने से डायरिया होने का खतरा बढ़ सकता है |
  • गर्भवती महिलाओं को आंवले का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिये |
  • ज्यादा मात्रा में या फिर लम्बे समय तक इसका सेवन करने से पथरी होने का खतरा हो सकता है |
  • सर्दी में खाली आंवला जूस का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है इसके साथ शहद मिलाकर सेवन करें |
  • आंवले के ज्यादा सेवन से कब्ज की समस्या हो सकती है इसलिए इसका सेवन पानी के साथ करें |
  • आंवले का अधिक सेवन करने से पेशाब में जलन हो सकती है |
  • जिन्हें भी किडनी से जुडी कोई समस्या है उन्हें आंवला का सेवन नहीं करना चाहिये |
  • हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों को आंवले का सेवन डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करनी चाहिये |

आंवला के फायदे और नुकसान FAQ

Que : आंवले की तासीर क्या होती है?

Ans : आंवले की तासीर ठंडी होती है |

Que : क्या कच्चा आंवला खाना नुकसानदायक होता है?

Ans : कच्चे आंवले के फायदे और भी ज्यादा फायदेमंद और लाभकारी होते हैं |

Que : आंवले का सेवन करने का सही समय क्या है?

Ans : सुबह खाली पेट आंवले का सेवन करना सबसे फायदेमंद होता है |

Que : क्या बच्चे आंवले का सेवन कर सकते हैं?

Ans : 5 साल से कम उम्र के बच्चों को इसका सेवन न कराएँ |

Que : क्या लकवा के मरीज आंवला का सेवन कर सकते हैं?

Ans : लकवा के मरीज आंवले का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें |

Que : क्या भिन्डी और आंवला एक साथ खा सकते हैं?

Ans : हाँ, आप भिन्डी के साथ आंवला खा सकते हैं |

तो दोस्तों, ‘आंवला के फायदे और नुकसान‘ इस लेख को पढ़ पर कैसा लगा हमें कमेन्ट में बताएं और स्वस्थ रहने के लिये आप भी आंवला का सेवन करें | धन्यवाद


एलोवेरा के फायदे और नुकसान – यहाँ Aloevera के विभिन्न Benefits और Side Effects को जानें!



एलोवेरा जिसे घृतकुमारी के नाम से भी जाना जाता है | आयुर्वेद में इसे औषधीय पौधे के रूप में जाना जाता है, यह अपने औषधीय गुणों के कारण ही जाना जाता है, एलोवेरा की उत्पत्ति उत्तरी अफ्रीका में हुई थी | एलोवेरा का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी देखा जाता है, एलोवेरा का उपयोग (use of aloevera in hindi) शरीर को स्वस्थ रखने, चेहरे और बालों के लिये विशेष रूप से किया जाता है | इस लेख को अंत तक पढ़ें और एलोवेरा के फायदे और नुकसान (Benefits and Side Effects of Aloevera in Hindi) को विभिन्न औषधीय गुण के साथ जानें।

एलोवेरा के फायदे और नुकसान | Benefits and Side Effects of Aloevera in Hindi

घृतकुमारी/एलोवेरा के पौधों में तने बहुत ही छोटे होते हैं | यह एक रसीला और गूदेदार पौधा होता है | यह नीचे से फैलता जाता है | यदि एलोवेरा के पत्तियों की बात करें तो इनकी लम्बाई लगभग 50 से 100 CM तक होती है | इनकी पत्तियां मोटी, गूदेदार और नुकीली होती हैं, लेकिन ये मुलायम होती हैं | एलोवेरा के पत्तियों का रंग हरा या हल्का सा पीले रंग का होता है | पत्तियों में हल्के सफ़ेद रंग के छोटे धब्बे भी देखे जाते हैं | पत्तियों के किनारे पर नुकीले भाग निकले होते हैं |

एलोवेरा की खेती पूरी दुनिया में की जाती है | दुनिया भर में इसकी 275 प्रजातियाँ हैं | प्रायः लोग अपने घरों में, बगीचों में, छतों और बालकनी में एलोवेरा को घर की शोभा बढाने के लिये लगाते हैं | एलोवेरा औषधीय गुणों से परिपूर्ण होता है | एलोवेरा के फायदे और नुकसान (Benefits and Side Effects of Aloevera in Hindi) जानने के बाद आपको आश्चर्य जरूर होगा | इसके सेवन से आप अपने और अपने परिवार की बहुत सी बीमारियों को दूर कर सकते हैं | जिसे आप इस लेख में जानेंगे |

एलोवेरा के अन्य नाम | Different Name of Aloevera in Hindi)

बहुत से लोग एलोवेरा को घृतकुमारी या एलोवेरा के नाम से जानते हैं | लेकिन दुनिया भर में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है | एलोवेरा का वानस्पतिक नाम एलो बार्बाड़ेंसीस मिल (Aloe barbadensis mil) है, एलोवेरा का सामान्य नाम एलोवेरा, घी कुमारी, कुमारी, ग्वारपाठा है |

एलोवेरा –

हिन्दी में घीकुवांर, ग्वारपाठा, घीग्वार
संस्कृत में गृहकन्या, कुमारी, कन्या, घृतकुमारी
अंग्रेजी में Aloevera, कॉमन एलो(common aloe), बारबडोस, मुसब्बार
मराठी में कोराफंटा, कोरफड (korfhad)
पंजाबी में कोरवा (Korwa), कोगर (Kogar)
गुजराती में कड़वी कुवर, कुंवार
बंगाली में घृतकुवारी
तमिल में अंगनी, कत्तालै (Kattale)
तेलगु में कलवंद
मलयालम में छोटू कथलाई
कन्नड़ में लोलिसर
अरबिक में तसाबार अलसी

वैज्ञानिक वर्गीकरण –

  • नाम – ग्वारपाठा
  • जगत: – पादप
  • वंश: – एलो
  • वर्ग: – लिलीओप्सिडा
  • जाती: – Aloevera
  • कुल: – एस्फोडिलसी
  • गण: – एस्पैरागलेस
  • विभाग: – मैग्नोलिओफाईटा
  • उपयोगी भाग – पत्तियां



एलोवेरा  के पौष्टिक तत्त्व | Nutritional Value of Aloevera in Hindi

  • विटामिन्स – विटामिन- ए, ई, विटामिन- सी, B-1, B-2, B-6, B-12, नियासिन, फ़ॉलिक एसिड
  • मिनरल – कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, कैल्शियम, सोडियम, फैट, सैचुरेटेड, प्रोटीन

एलोवेरा मे बहुत से पोषक तत्त्व और विटामिन पाए जाते हैं, जो शरीर के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं | एलोवेरा में विटामिन– ए, ई, विटामिन- सी, B-1, B-2, B-6, B-12, नियासिन, फ़ॉलिक एसिड और मिनरल मौजूद होते हैं, इसके साथ ही एलोवेरा में ग्लूकोज और फ्रक्टोज भी पाए जाते हैं | इसके अलावा एलोवेरा में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, गिब्बेरेल्लिंस और औक्सिंस जैसे गुण उपस्थित होते हैं| जो कि चोट लग जाने पर घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं|

एलोवेरा के औषधीय गुण | Medicinal Properties of Aloevera in Hindi

एलोवेरा में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिसके चलते यह स्वास्थ्य के लिये बहुत जरूरी होता है, इसमें उपस्थित विटामिन और मिनरल के कारण यह त्वचा सम्बन्धी समस्या और बालों के लिये बहुत ही लाभकारी होता है, एलोवेरा के सेवन से पेट से जुडी समस्या भी दूर होती है,और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढती है आप इस लेख में आगे जानेंगे एलोवेरा के फायदे|

गिलोय के फायदे, नुकसान और औषधीय गुण

एलोवेरा के फायदे और नुकसान – एलोवेरा के फायदे (Benefits of Aloevera in Hindi

1. पाचन तन्त्र में एलोवेरा –

एलोवेरा के फायदे में यह पेट से जुडी समस्या या पाचन तन्त्र के लिये बहुत जरूरी और उपयोगी होता है ,एलोवेरा के जूस का सुबह खाली पेट सेवन करने से पेट में कब्ज, गैस और पेट दर्द जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है ,एलोवेरा का प्रतिदिन सेवन करने से यह पेट को साफ रखता है और आंतो को स्फूर्ति प्रदान करता है | चूँकि एलोवेरा में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-अल्सर जैसे गुण पाए जाते हैं,जिससे यह पेट से जुड़ी समस्या को दूर करता है |

2. लीवर में एलोवेरा के फायदे –

  • एलोवेरा का सेवन करने से लीवर से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं ,लीवर से जुड़ी समस्या से निदान पाने के लिये प्रतिदिन सुबह शाम एलोवेरा के जूस को 10-20 ML तक इसका सेवन करना चाहिये |
  • एलोवेरा का सेवन लीवर को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे लीवर अच्छी तरह से काम करने लगता है |
  • इसके सेवन से पेट साफ रहता है, तथा मल और वात से जुडी परेशानियाँ भी ठीक हो जाती हैं |

3. मधुमेह (डायबिटीज) में एलोवेरा के लाभ –

डायबिटीज या मधुमेह के मरीजों के लिये एलोवेरा बहुत लाभकारी होता है, एलोवेरा शुगर को कम करने के लिये जाना जाता है ,इसमें मौजूद ग्लूकोमांस के कारण यह रक्त में शर्करा के स्तर को कम करता है |

4. कोलेस्ट्रोल में एलोवेरा के फायदे –

एलोवेरा में हाइपोकोलेस्ट्रोमिक गुण (Hypocholesterolemic effect) पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रोल को कम करता है, इसलिए कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिये एलोवेरा का सेवन किया किया जा सकता है, एक रिपोर्ट के अनुसार एलोवेरा को प्रतिदिन सेवन करने से ऑक्सीडेंटिव स्ट्रेस भी कम हो सकता है, साथ ही लीवर में कोलेस्ट्रोल को भी कम करता है |

5. कब्ज के लिये एलोवेरा –

आज जिस तरह का प्रदूषित खान पान है, जिसके वजह से पेट जुड़ी बहुत सी परेशानियाँ हो जाती हैं, उन्ही में से एक है कब्ज की समस्या | कब्ज के मरीज बहुत तरह की दवाइयां मेडिकल से लेते है, फिर भी यह समस्या दूर नहीं होती है  तो यहाँ आप जानेंगे कब्ज में एलोवेरा के फायदे, एलोवेरा मेंलैक्सेटिव (Laxatives) गुण पाया जाता है जो कि पेट को साफ करता है | यदि आप प्रतिदिन एलोवेरा जूस का सेवन करें तो कुछ ही दिनों में कब्ज की समस्या से छुटकारा मिल सकता है|

6. मुहासों के लिये एलोवेरा के फायदे –

चेहरे पर मुहांसे निकलना यह एक आम समस्या है,जो कि बहुत से कारणों पर निर्भर करता है, जैसे प्रदूषण की वजह से, खान पान की वजह से तथा चेहरे का अधिक ऑयली (oily) होना इत्यादि, तो मुहासों से छुटकारा पाने के लिये उन पर दिन में और रात में सोने से पहले एलोवेरा जेल को लगाएं,इससे मुंहासे निकलना बंद हो जायेंगे और त्वचा भी सुन्दर एवं आकर्षक बनेगी |

7. बालों के लिये एलोवेरा के फायदे –

आपने इस लेख में पढ़ा ही है की, एलोवेरा में बहुत प्रकार के पोषक तत्त्व पाए जाते हैं | जो बालों के लिये भी बहुत जरूरी होते हैं यदि आपके शरीर में खुजली होती है, बालों में रुसी, बाल झड़ने जैसी समस्या है, तो आपको भी एलोवेरा का उपयोग करना चाहिये | यह बालों में रुसी दूर करके उन्हें झड़ने से रोकता है,और मजबूत बनाता है, सिर पर एलोवेरा लगाने से बालों को पोषक मिलता है |

एलोवेरा को आप मोइस्चराइजर या कंडीशनर की तरह यूज (Use) कर सकते हैं | एलोवेरा जेल में आधे नीबूं का रस ठीक से मिलाकर इस मिश्रण को बालों पर लगाएं,लगाने के बाद आधे घंटे तक इसे छोड़ दें | इसके बाद इसे शैम्पू से धोलें इसे आप हफ्ते में 2-3 बार लगा सकते हैं |

8. वजन घटाने में एलोवेरा के लाभकारी गुण –

आज के समय में लोग सबसे ज्यादा अपने अधिक वजन यानि मोटापे परेशान हैं, लेकिन यहाँ आप जानेंगे वजन कम करने में एलोवेरा के फायदे ,यदि एलोवेरा के जूस का प्रतिदिन सेवन किया जाये तो इससे धीरे-धीरे वजन कम होने लगता है | क्योंकि एलोवेरा में एंटी-ऑक्सीडेंट और खनिज उपलब्ध होते हैं जो चर्बी को कम करते हैं, वजन को बढ़ने से रोकते हैं साथ ही वजन को भी नियंत्रित करते हैं |

9. मसूड़ों और दांतों में एलोवेरा के फायदे –

यह तो आप जानते ही हैं की एलोवेरा में बहुत से खनिज और विटामिन्स होते हैं | अर्थात एलोवेरा पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है जो कि आपके मसूड़ों और दांतों के लिये लाभकारी हो सकता है, मसूड़ों से खून आने की समस्या के लिये आप मसूड़ों में एलोवेरा जेल से मालिस करें, ब्रश करते समय आप ब्रश में एलोवेरा का पाउडर भी मिला सकते हैं इससे मसूड़े और दांत स्वस्थ रहते हैं |

10. प्रतिरक्षा प्रणाली में एलोवेरा –

एलोवेरा में ब्रैडीक्नास मौजूद होती है, जो कि प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करने में मदद करता है, यह शरीर में हानिकारक जीवाणुओं को मरता है |

11. सूजन में एलोवेरा के फायदे –

एलोवेरा में एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है | यह एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर में सूजन को कम करने में मददगार होता है हम सभी के शरीर में सूजन होने का कारण ऑक्सीडेटिव में हानि के कारण होता है ,और शरीर में उपस्थित फ्री रेडिकल्स भी इसके जिम्मेदार होते हैं | इन फ्री रेडिकल्स की वजह से हमारे शरीर को बहुत हानि होती है लेकिन एलोवेरा का जूस पीने से इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है, एलोवेरा के जूस का सेवन करने से शरीर की सूजन कम हो जाती है इससे शरीर का दर्द भी ठीक होता है |

12. गठिया और जोड़ों के दर्द में एलोवेरा –

जैसे–जैसे उम्र बढती है तो जोड़ों मे दर्द एवं गठिया की शिकायत होने लगती है, इससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं, तब इसके लिये एलोवेरा का सेवन करना चाहिये ,यह जोड़ों के दर्द में लाभकारी होता है | एक रिसर्च के अनुसार एलोवेरा ओक्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) के इलाज में भी कारगर शाबित होता है, एलोवेरा में पाए जाने वालेएंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण इसके जूस का सेवन करने से हड्डियों के दर्द में राहत मिलती है |

13. सर्दी-जुकाम में एलोवेरा के फायदे –

बदलते मौसम के कारण सर्दी-जुकाम होना आम सी बात है | इन छोटी मोटी समस्याओं के लिये आपको मेडिकल जाने की जरूरत नहीं है, इसके बदले आपको आयुर्वेदिक उपचार या प्रकृति का सहारा लेना अच्छा होगा सर्दी-जुकाम होने पर एलोवेरा के जूस का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है |

साथ ही एलोवेरा का उपयोग करके सूखी खांसी से भी छुटकारा पा सकते हैं ,इसके लिये किसी बर्तन में एलोवेरा लेकर उसमे लगभग 2-3 चम्मच शहद मिलाकर इसे दिन में 2-3 बार सेवन करें,आप देखेंगे की जल्द ही आपको खांसी से छुटकारा मिल जाएगा |

14. नेत्रों में एलोवेरा के फायदे –

एलोवेरा या घृतकुमारी का उपयोग आँखों के लिये करने पर बहुत लाभकारी होता है | इससे आँखों में जलन की समस्या दूर होती है, यह आँखों में सूजन को भी कम करने में लाभकारी होता है इसके लिये आप एलोवेरा के गुदे को आँखों पर लगाएं या एलोवेरा के मोटे गुदे को आंख बंद करके कुछ देर तक रखा रहने दें |

15. पेशाब/मूत्र रोग में एलोवेरा के फायदे –

मूत्र रोग के मरीजों में भी एलोवेरा के फायदे देखे जाते हैं, जिन्हें भी पेशाब करते वक्त तकलीफ अथवा जलन की समस्या होती है ,उन्हें एलोवेरा में चीनी मिलाकर पीना चाहिये या फिर एलोवेरा के 10-15 ग्राम ताजे गूदे में चीनी मिलाकर इसे खायें  ऐसा करने से पेशाब में होने वाली जलन से राहत मिलता है |

16. कान दर्द में आराम दिलाये एलोवेरा –

कान में दर्द होने पर आप एलोवेरा के रस को हल्का गर्म कर लें, फिर इसे कान में डालें | याद रहे : जिस कान में दर्द है रस को उसके दूसरी तरफ के कान में दो बूँद डालें, ऐसा करने से कान के दर्द में आराम मिलता है |

17. जलन में आराम दिलाये –

यदि आप कहीं जल जाते हैं, तो जले हुए स्थान पर एलोवेरा का जेल लगाने से जलन से राहत मिलता है |

एलोवेरा के उपयोगी हिस्से 

लगभग एलोवेरा के सभी हिस्से उपयोगी होते हैं |

  1. पत्ते
  2. जड़
  3. फूल



एलोवेरा कहाँ पाया जाता है ? 

यदि हम भारत में एलोवेरा की बात करें, तो यह भारत में सभी जगह पर पाया जाता है, इसे आप अपने घर पर भी लगा सकते हैं इसे लगाना काफी आसान होता है | इसकी खेती सूखी और बलुई मिट्टी पर की जाती है |

एलोवेरा के सेवन की मात्रा 

आपको एलोवेरा के काढ़े अथवा जूस को 30-50 ml तक लेना चाहिये ,यदि आप इसे सुबह शाम दोनों समय ले रहें हैं तो समय में इसे 20-25 ml तक ले सकते हैं |

एलोवेरा जूस कैसे बनायें 

सबसे पहले एलोवेरा जूस बनाने के लिये कुछ सामग्री चाहिये

सामग्री :

  • एक बर्तन या कटोरी
  • बड़ा सा एलोवेरा (घृतकुमारी)
  • लगभग 2 कप पानी
  • मिक्सर या ब्लेंडर
  • और एक चम्मच

बनाने की विधि :

  • सबसे पहले एलोवेरा के पत्ते को ठीक से धो लें |
  • अब किसी चम्मच या चाकू से काटकर इसके गूदे को निकाल लें |
  • जूस बनाने के लिये एलोवेरा में 2 कप पानी डालकर इसे मिक्सर से मिला लें और इस जूस को एक गिलास में डाल लें, अब आपका जूस तैयार है |

एलोवेरा का उपयोग | Use of Aloevera in Hindi

आइये अब जान लेते हैं की एलोवेरा का उपयोग किन तरीकों से कर सकते हैं –

  • आप एलोवेरा जूस को ऐसे ही पी सकते हैं या फिर इसमें थोडा सा नीबूं मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं |
  • एलोवेरा को आप चाहें तो दूसरे जूस के साथ मिलाकर पी सकते हैं इसका सेवन आंवला या गिलोय के साथ करने पर बहुत फायदेमंद होता है |
  • एलोवेरा जेल का उपयोग चेहरे पर किया जाता है इससे चेहरे की चमक बढती है |
  • एलोवेरा का उपयोग बालों के लिये कंडीशनर के रूप में किया जाता है |
  • शरीर में जल जाने या कट जाने पर एलोवेरा का उपयोग किया जाता है |
  • एलोवेरा का उपयोग टूथपेस्ट बनाने में भी किया जाता है |
  • एलोवेरा मे 1-2 चम्मच शहद मिलाकर भी आप इसका सेवन कर सकते हैं |

एलोवेरा ख़राब होने से कैसे बचाएं 

अब हम बात करते हैं की एलोवेरा लम्बे समय तक कैसे बनाये रखें अर्थात इसे ख़राब होने से कैसे बचा सकते हैं |

  • एलोवेरा के पत्ते को काटकर आप अपने जरूरत के अनुसार उपयोग कर सकते हैं, यह ख़राब नहीं होता है |
  • एलोवेरा को किसी प्लास्टिक में बंद करके फ्रिज में रख सकते हैं |
  • एलोवेरा जेल को फ्रीजर में रख कर जमा सकते हैं |
  • नीबूं में विटामिन होता है, तो यदि आप इसे एलोवेरा में मिला देते हैं तो इससे एलोवेरा कई दिनों तक सुरक्षित रह सकता है |

एलोवेरा के फायदे और नुकसान – एलोवेरा के नुकसान (Side Effects of Aloevera in Hindi)

एलोवेरा का उपयोग करना बहुत फायदेमंद और सुरक्षित होता है | परन्तु इसके कुछ नुकसान भी हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिये |

  • एलोवेरा का सेवन करने से कुछ लोगों को एलर्जी होने लगती है जिसके परिणामस्वरूप उनके शरीर में खुजली होने लगती है,और शरीर में दाग निकलने लगते हैं |
  • जिन्हें पीलिया है, उन्हें एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिये | यह आपकी समस्या को बढ़ा सकता है |
  • एलोवेरा में लेटेकस पाया जाता है जो आपके स्वास्थ को बिगाड़ सकते हैं  इससे आपको पेट में दर्द, आंतों में परेशानी, एपेन्डीसाईंटिस, कोलाईटिस और डाईवरटीकलोसिस जैसी समस्याएँ हो सकती हैं |
  • एलोवेरा का सेवन लगातार ज्यादा समय तक ना करें क्योंकि लगातार लम्बे समय तक इसका सेवन करने से कैंसर का खतरा हो सकता है |
  • जिन्हें भी दिल से जुडी कोई परेशानी है या वो कोई मेडिसिन ले रहे हैं तो उन्हें एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिये | दिल के मरीजों को इसका सेवन करने से उन्हें हानि हो सकती है |
  • बुजुर्गों और बच्चों को इसका सेवन बहुत सीमित मात्रा में अथवा कम करना चाहिये |
  • गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं एलोवेरा का सेवन न करें | इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें |

इस लेख में आपने एलोवेरा के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of aloe vera in Hindi) दोनों के बारे में जाना एलोवेरा के बहुत से फायदे हैं, यह एक आयुर्वेदिक औषधीय है जो बालों और त्वचा के लिये बहुत ही लाभकारी होता है | लेकिन कुछ लोग इसका अधिक और जल्दी लाभ लेने के लिये ज्यादा मात्रा में सेवन करने लगते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिये ऐसा करने पर उन्हें नुकसान हो सकता है, इसलिए इस बात का जरूर ध्यान दें की एलोवेरा का सेवन एक निश्चित मात्रा में ही करें |

FAQ

Que : एलोवेरा की तासीर क्या होती है?

Ans : एलोवेरा की तासीर गर्म होती है |

Que : क्या एलोवेरा में शुगर होती है?

Ans : नहीं, एलोवेरा (घृतकुमारी) के जूस में ज्यादा शुगर नहीं होती है |

Que : एलोवेरा पीने का सही समय क्या है?

Ans : एलोवेरा सुबह खाली पेट पीना बहुत फायदेमंद होता है |

Que : क्या योनि की सफाई के लिये एलोवेरा नुकसानदायक है?

Ans : नहीं, योनि की सफाई के लिये एलोवेरा का उपयोग किया जा सकता है | क्योंकि एलोवेरा में एंटी-बैक्टीरियल एवं एंटी-सेप्टिक गुण पाए जाते हैं | संक्रमण और इन्फेक्शन में मददगार होते हैं |

Que : क्या एलोवेरा जूस को फ्रिज में रख सकते हैं?

Ans : हाँ, आप एलोवेरा जूस को फ्रिज में रख सकते हैं | इससे यह ताजा बना रहता है |

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गिलोय के फायदे, नुकसान और औषधीय गुण के बारे में विवरण जानें!



गिलोय को कौन नहीं जानता है| इसके गुण और फायदों से लगभग सभी लोग परिचित है| लेकिन जब से हमारे देश में कोरोना जैसी बीमारी आई है तब से इसका महत्त्व कई गुना बढ़ गया है, और लोगों द्वारा इसकी खरीददारी कई गुना बढ़ गई है| गिलोय जो की स्वास्थ्य के लिये बहुत ही अच्छा माना जाता है और इसका नियमित रूप से सेवन करने से बहुत से फायदे होते है इसका वर्णन आयुर्वेद में बहुत अच्छे से आता है | आज के समय में गिलोय और आयुर्वेद का बहुत प्रचार हुआ है इसके बावजूद भी बहुत से लोग इससे अवगत नहीं हैं, इसलिए ही आपकी सहायता के लिए आज हम इस लेख में आपको गिलोय के फायदे और नुकसान और गिलोय के औषधीय गुण क्या है के बारे में सभी आवश्यक विवरण प्रदान करेंगे। तो आगे बढिये और इस लेख के माध्यम से गिलोय के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Giloy in Hindi) के बारे में जानें।

हालाँकि, गिलोय स्वाद में कड़वा होता है लेकिन इसके सेवन से बहुत से रोग अथवा बीमारी खत्म हो सकती हैं जैसे – आँखों की समस्या , इम्युनिटी बढ़ाने में , खांसी , बुखार इत्यादि से राहत दिलाता है |

यहाँ विटामिन और उनके स्रोत की सूची पढ़ें।

गिलोय क्या होता है | What is Giloy in Hindi

गिलोय को अमृता या अमरबेल के नाम से भी जाना जाता है देखने में इसका तना रस्सी जैसा होता है इसके पत्ते मुलायम होते हैं और इनके पत्तों का आकार कुछ पान के पत्तों की तरह होता है | हालांकि , गिलोय के पत्ते पान के पत्ते से छोटे और पतले होते हैं जबकि इनके फल मटर के दाने के जितने होते हैं | इसके फल गुच्छों में ही लगते हैं और पकने के बाद यह लाल रंग के हो जाते हैं | गिलोय आयुर्वेद में बहुत अच्छी औषधीय मानी जाती है इसे जंगलों में पहाड़ की चट्टनों और पेड़ों में भी इसे देखा जा सकता है | गिलोय में एक बहुत अच्छी खूबी यह होती है की यह जिस भी पेड़ में चढ़ती है उस पेड़ के कुछ गुण इसमें भी आ जाते हैं, यही कारण है की नीम के पेड़ में चढ़ी हुई गिलोय को औषधीय के लिये सबसे अच्छा माना जाता है | इसलिए नीम गिलोय सर्वोत्तम होती है |

गिलोय में पोषक तत्त्व | Nutrients in Giloy in Hindi

गिलोय में बहुत तरह के पोषक तत्त्व पाए जाते हैं जैसे की गिलोय में कैल्शियम , मैग्नीज , आयरन , कॉपर , फास्फोरस , जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है | इसके अलावा इसमें गिलोइन नामक ग्लोकोसाइड और पामेरिन और टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है | और इसके साथ साथ गिलोय में स्टार्च भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है |

गिलोय की तासीर

गिलोय की तासीर प्रायः गर्म होती है | इसलिए इसका उपयोग सर्दी के मौसम में ज्यादा होता है | यह सर्दी , जुकाम और बुखार में बहुत फायदेमंद होता है | इसका गर्मियों में अधिक सेवन नहीं करना चाहिये | यदि इसके सेवन से जलन जैसी समस्या होती है तो गिलोय को आंवले के साथ पीने से लाभ मिलता है |

गिलोय की प्रजातियाँ | Species of Giloy in Hindi

गिलोय की कुछ प्रजातियाँ निम्नलिखित हैं –

  1. Tinosporacordifolia miers (giloy)
  2. Tinospora sinensis merr.
  3. Tinosporacrispa hook. F & Thomson.

यहाँ कोरोना वायरस के घरेलू एवं मेडिकल उपचार पढ़ें।

गिलोय के अन्य नाम | Other Name of Giloy

गिलोय के अलावा भी इसे बहुत से नामों से जाना जाता है जो इस प्रकार से हैं –

  • संस्कृत में – अमृता , मधुपर्णी , अमृतवल्ली , गुडूची
  • हिन्दी में – गिलोय (giloy) , गडूची , अमृता
  • अंग्रेजी में – इण्डियन टिनोस्पोरा (Indian tinospora) , मून सीड (moon seed) , टिनोस्पोरा (tinospora)
  • पंजाबी में – पालो (palo) , गिलोगुलरिच (gilogularich) , गरहम
  • गुजराती में – गुलवेल (gulvel), गालो (galo)
  • मराठी में – अम्बरवेल (ambarvel)
  • तेलगु में – तिप्पतीगे (tippatige) , गुडूची
  • मलयालम में – अमृतु (amritu) , पेयामृतम , चिंतामृतु
  • तमिल में – अमृदवल्ली , शिन्दिलकोडि
  • नेपाली में – गुर्जो



गिलोय के फायदे और नुकसान | Giloy Advantages and disadvantages in Hindi

नीचे स्क्रॉल करें और गिलोय के फायदे और नुकसान (Giloy Advantages and disadvantages in Hindi) जानें।

गिलोय के फायदे | Benefits of Giloy in Hindi

अब जानते हैं गिलोय के फायदों के बारे में –

1. डायबिटीज में गिलोय के फायदे 

कई लोगों को यह शंका होती है की डायबिटीज में गिलोय का उपयोग करें या न करें, आप डायबिटीज में गिलोय का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि गिलोय में हाइपो ग्लेसिमिक गुण पाया जाता है जोकि ब्लड में शुगर लेवल को कम करता है | इसलिए यह डायबिटीज में अच्छा माना गया है | डायबिटीज में गिलोय का उपयोग आंवले और हल्दी के साथ कर सकते है |

2. चिकनगुनिया में फायदेमन्द 

चिकनगुनिया बुखार के बाद रोगी को जोड़ों में दर्द जैसी समस्या बनी रहती है | तो इस मामले में गिलोय प्रकृति द्वारा दिया गया एक उपहार है | शरीर में प्लेट्स को बढाने के लिये गिलोय बहुत असरदार साबित होता है |

3. बुखार में सहायक है गिलोय

दोस्तों गिलोय सभी प्रकार के बुखार से राहत दिलाता है यह विशेष रूप से डेंगू , चिकनगुनिया , स्वाइनफ्लू जैसे वायरस से लड़ने में सहायक होता है और यदि आपके शरीर में कोई साइड इफ़ेक्ट हो जाता है तो आपको गिलोय का सेवन जरूर करना चाहिये |

4. रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिलोय

गिलोय का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है, इसलिए सभी को सुबह गिलोय का सेवन जरूर करना चाहिये | इसके सेवन से शरीर में कमजोरी अथवा दुर्बलता दूर होती है यह शरीर को अन्दर से मजबूत बनाता है |

5. पाचन शक्ति में गिलोय के फायदे 

गिलोय पाचन शक्ति के लिये अच्छा माना जाता है | यदि आपको भी पेट से जुडी कोई समस्या है जैसे कि – ठीक से पेट साफ़ नहीं होता , भोजन पच नहीं पाता या फिर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है तो ऐसे में आपको भी गिलोय का सेवन करना शुरू कर देना चाहिये |

6. रक्त को स्वस्थ रखे गिलोय

रक्त को शुद्ध और स्वस्थ रखने के लिये भी गिलोय का उपयोग किया जाता है | इसलिए गिलोय का नियमित सेवन करना चाहिये क्योंकि जब रक्त साफ़ रहेगा तो आपका शरीर भी स्वस्थ रहेगा |

7. इम्युनिटी को बढ़ाने में गिलोय के फायदे 

गिलोय का सेवन करने से आपकी इम्युनिटी पॉवर मजबूत होती है | इसके परिणाम स्वरुप आपको जल्दी कोई बीमारी नहीं होती है क्योंकि यह रोगों से लड़ने में आपकी मदद करता है|

8. स्तन्यशोधक के लिये गिलोय

गिलोय का सेवन करने से यह दूध की क्वालिटी को बढाता है इसलिए महिलाओं को डॉक्टरों से परामर्श लेकर इसका सेवन करना चाहिये |

9. कफ में उपयोगी है गिलोय 

इसके सेवन से यह कफ को कम करता है, गिलोय प्रायः वेट (wet) कफ और ड्राई (dry) कफ दोनों में असरदार होती है | गले में कफ हो जाने से गले में सूजन और दर्द जैसी समस्या सामने आने लगती है | तो कफ से छुटकारा पाने के लिये आप लोगों को गिलोय का सेवन करना चाहिये |

10. जलन सम्बंधी समस्या में गिलोय के फायदे 

शरीर में कभी – कभी जलन होने लगती है या फिर पेशाब में जलन जैसी समस्या होने लगती है तो आपको भी सुबह उठते हि गिलोय का सेवन करना शुरू कर देना चाहिये , यह जलन से छुटकारा दिलाता है |

11. तृष्णा को संतुलित करता है गिलोय 

कई लोगों को तृष्णा या बार–बार पानी पीने की आदत होती है अथवा ऐसा कहें की उन्हें बार – बार पानी पीने की समस्या हो जाती है | तब यदि वो गिलोय का सेवन करते हैं तो वह इसे कन्ट्रोल करता है |

12. एनीमिया को दूर करने में गिलोय के फायदे 

कभी–कभी शरीर में ठीक से रक्त का निर्माण नहीं हो पता है या फिर किसी कारण से शरीर में रक्त की कमी हो जाने में कारण कमजोरी अथवा एनीमिया जैसी समस्या हो जाती है | ऐसे में गिलोय बहुत फायदेमन्द होता है |

13. उम्र में चमत्कारी 

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनकी उम्र उनकी उम्र से ज्यादा दिखने लगती है | तो ऐसे में गिलोय का सेवन करने से इस समस्या से छुटकारा मिलता है और साथ ही चेहरे में चमक आती है |

14. त्वचा से जुडी समस्या में 

कई लोगों को त्वचा (Skin) से जुडी समस्या बनी ही रहती है जैसे चेहरे में झुर्रियां पड़ना , चेहरे का ग्लो कम हो जाना और इसके साथ ही शरीर में खुजली जैसी समस्या होने लगती है | तो गिलोय का सेवन करने से इन सभी प्रकार की समस्या से राहत पा सकते हैं |

15.सफ़ेद दाग/चर्म रोग में –

शरीर में सफ़ेद दाग होने पर खान – पान का बहुत ध्यान रखना होता है | आपको सुबह और शाम ताज़ा गिलोय और एलोवेरा का सेवन करना चाहिये |

यहाँ काजू के फायदे और नुकसान पढ़ें।

गिलोय का सेवन कब और किसे करना चाहिये | When and who should consume Giloy in Hindi

वैसे तो गिलोय का सेवन हम सभी को सुबह उठकर करना चाहिये क्योंकि यह स्वस्थ के लिये अच्छा होता है | लेकिन गिलोय का सबसे अधिक उपयोग डेंगू , चिकनगुनिया जैसे बुखार अथवा गले के लिये बहुत अधिक किया जाता है | यदि आपको डायबिटीज की समस्या है , आपका पाचन तन्त्र ठीक नहीं है या फिर आपकी इम्युनिटी कमजोर है तब आपको गिलोय का सेवन जरूर करना चाहिये |

गिलोय का काढ़ा कैसे बनायें | How to make Decoction of Giloy in Hindi

गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि कुछ नीचे इस प्रकार दी गई है –

  1. सबसे पहले तो आपको गिलोय की लगभग 1 फिट की डंडी लेनी है, फिर आप उसे ठीक से धो लें और उस डंडी को डेढ़ से दो में काट लें , इसके बाद गिलोय की छोटी छोटी डंडी को कूटनी या खलबट से ठीक से कूट लें |
  2. अब आपको एक बर्तन में लगभग 250ml पानी लेना है और उसमे गिलोय डालकर उसे ठीक से चूल्हे अथवा गैस में उबाल लेना है | कुछ समय उबलने के बाद अब आपका स्वरस तैयार हो जायेगा | अब आप इसे किसी छन्नी से गिलास में छान लें और इसका सेवन करें, आप चाहें तो इसमें शहद को भी मिलाकर सेवन कर सकते हैं |
  3. कटे हुए गिलोय को 250-300ml पानी में डालें और इसे उबलने के लिये गैस में रख दें. फिर इसमें आधा चम्मच हल्दी डालें , फिर अदरक को भी कूट कर डाल दे और तुलसी की कुछ पत्तियां भी इसमें डाल दे | अब इन्हें ठीक से उबल जाने दें और ठीक से उबलने के बाद आप इसे छानकर इसका सेवन कर सकते हैं |



गिलोय का सेवन कितना करें | How much to consume Giloy in Hindi

गिलोय के सेवन में यदि आप गिलोय रस (juice) ले रहें हैं तो आप 20 मिली तक इसे ले सकते हैं | और यदि इसका सेवन काढ़े के रूप में करते हैं तो इसे 50 मिली से 100 मिली तक ले सकते हैं |

गिलोय के नुकसान | Side Effect of Giloy in Hindi

गिलोय के सेवन से जितने फायदे हैं | इसके साथ ही इसके सेवन में कुछ सावधानियां रखनी भी बहुत जरूरी है | नहीं तो आपको इसके सेवन से नुकसान भी हो सकता है तो चलिए जान लेते हैं गिलोय के नुकसान (Side effect of Giloy in Hindi) क्या – क्या हैं |

1.गर्भावस्था में गिलोय के नुकसान 

गर्भावस्था में अथवा गर्भवती महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिये, और जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं उन्हें भी इसके सेवन में परहेज करना चाहिये | इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें |

2. डायबिटीज में गिलोय के नुकसान

जिन्हें भी डायबिटीज की समस्या है अर्थात जो लो (low) डायबिटीज के मरीज हैं उन्हें गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिये |

3. बहुत छोटे बच्चों अथवा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिये उन्हें इसका सेवन न करने दें |

4. यदि किसी ने सर्जरी करवाई है तो उन्हें गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिये, क्योकि इसकी तासीर गरम होने के कारण यह ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर सकती है|

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गिलोय के फायदे और नुकसान से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

Que : गिलोय के नुकसान क्या हैं?

Ans : वैसे तो गिलोय के सेवन से कोई ज्यादा नुकसान नहीं है | लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करना नुकसानदायक भी हो सकता है | गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसके सेवन से परहेज करे और सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें |

Que : गिलोय को किस बर्तन में रखकर पियें?

Ans : आप गिलोय को कांच या स्टील की गिलास में पी सकते हैं |

Que : क्या टाइफाइड में गिलोय पी सकते हैं?

Ans : हाँ, आप टाइफाइड में भी गिलोय का सेवन कर सकते हैं |

Que : लगातार गिलोय को कितने दिनों तक पियें?

Ans : वैसे तो गिलोय के सेवन से नुकसान नहीं होते हैं, लेकिन अच्छा होगा की इसे आप औषधीय के रूप में पियें | आप इसे 2-3 महीने सेवन करने के बाद कुछ दिनों तक इसका सेवन रोक दें |

Que : किस उम्र के लोग गिलोय के सेवन करें?

Ans : 5 साल से ऊपर किसी भी उम्र के लोग इसका सेवन कर सकते हैं |

Que : गिलोय कहाँ पाया जाता है?

Ans :हालाँकि, गिलोय भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में पाया जाता है , यह बगीचों में पेड़ों में लिपटा होता है | इसके अलावा इसे जंगलों और पहाड़ों में भी देखा जा सकता है |

दोस्तों हमें उम्मीद है, कि गिलोय के फायदे और नुकसान (Giloy Benefits and Side Effects in Hindi) पर आधारित यह लेख आपके लिए जानकारीपूर्ण रहा होगा। यदि आपको गिलोय के फायदे और नुकसान लेख से सम्बंधित कोई प्रश्न हैं तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं साथ ही आप हमारे साथ जुड़े रहें और अन्य हेल्थ सम्बंधित लेखों को भी पढ़ें।

Content Source – www.guru-gyan.com


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