गिलोय के फायदे, नुकसान और औषधीय गुण के बारे में विवरण जानें!



गिलोय को कौन नहीं जानता है| इसके गुण और फायदों से लगभग सभी लोग परिचित है| लेकिन जब से हमारे देश में कोरोना जैसी बीमारी आई है तब से इसका महत्त्व कई गुना बढ़ गया है, और लोगों द्वारा इसकी खरीददारी कई गुना बढ़ गई है| गिलोय जो की स्वास्थ्य के लिये बहुत ही अच्छा माना जाता है और इसका नियमित रूप से सेवन करने से बहुत से फायदे होते है इसका वर्णन आयुर्वेद में बहुत अच्छे से आता है | आज के समय में गिलोय और आयुर्वेद का बहुत प्रचार हुआ है इसके बावजूद भी बहुत से लोग इससे अवगत नहीं हैं, इसलिए ही आपकी सहायता के लिए आज हम इस लेख में आपको गिलोय के फायदे और नुकसान और गिलोय के औषधीय गुण क्या है के बारे में सभी आवश्यक विवरण प्रदान करेंगे। तो आगे बढिये और इस लेख के माध्यम से गिलोय के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Giloy in Hindi) के बारे में जानें।

हालाँकि, गिलोय स्वाद में कड़वा होता है लेकिन इसके सेवन से बहुत से रोग अथवा बीमारी खत्म हो सकती हैं जैसे – आँखों की समस्या , इम्युनिटी बढ़ाने में , खांसी , बुखार इत्यादि से राहत दिलाता है |

यहाँ विटामिन और उनके स्रोत की सूची पढ़ें।

गिलोय क्या होता है | What is Giloy in Hindi

गिलोय को अमृता या अमरबेल के नाम से भी जाना जाता है देखने में इसका तना रस्सी जैसा होता है इसके पत्ते मुलायम होते हैं और इनके पत्तों का आकार कुछ पान के पत्तों की तरह होता है | हालांकि , गिलोय के पत्ते पान के पत्ते से छोटे और पतले होते हैं जबकि इनके फल मटर के दाने के जितने होते हैं | इसके फल गुच्छों में ही लगते हैं और पकने के बाद यह लाल रंग के हो जाते हैं | गिलोय आयुर्वेद में बहुत अच्छी औषधीय मानी जाती है इसे जंगलों में पहाड़ की चट्टनों और पेड़ों में भी इसे देखा जा सकता है | गिलोय में एक बहुत अच्छी खूबी यह होती है की यह जिस भी पेड़ में चढ़ती है उस पेड़ के कुछ गुण इसमें भी आ जाते हैं, यही कारण है की नीम के पेड़ में चढ़ी हुई गिलोय को औषधीय के लिये सबसे अच्छा माना जाता है | इसलिए नीम गिलोय सर्वोत्तम होती है |

गिलोय में पोषक तत्त्व | Nutrients in Giloy in Hindi

गिलोय में बहुत तरह के पोषक तत्त्व पाए जाते हैं जैसे की गिलोय में कैल्शियम , मैग्नीज , आयरन , कॉपर , फास्फोरस , जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है | इसके अलावा इसमें गिलोइन नामक ग्लोकोसाइड और पामेरिन और टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है | और इसके साथ साथ गिलोय में स्टार्च भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है |

गिलोय की तासीर

गिलोय की तासीर प्रायः गर्म होती है | इसलिए इसका उपयोग सर्दी के मौसम में ज्यादा होता है | यह सर्दी , जुकाम और बुखार में बहुत फायदेमंद होता है | इसका गर्मियों में अधिक सेवन नहीं करना चाहिये | यदि इसके सेवन से जलन जैसी समस्या होती है तो गिलोय को आंवले के साथ पीने से लाभ मिलता है |

गिलोय की प्रजातियाँ | Species of Giloy in Hindi

गिलोय की कुछ प्रजातियाँ निम्नलिखित हैं –

  1. Tinosporacordifolia miers (giloy)
  2. Tinospora sinensis merr.
  3. Tinosporacrispa hook. F & Thomson.

यहाँ कोरोना वायरस के घरेलू एवं मेडिकल उपचार पढ़ें।

गिलोय के अन्य नाम | Other Name of Giloy

गिलोय के अलावा भी इसे बहुत से नामों से जाना जाता है जो इस प्रकार से हैं –

  • संस्कृत में – अमृता , मधुपर्णी , अमृतवल्ली , गुडूची
  • हिन्दी में – गिलोय (giloy) , गडूची , अमृता
  • अंग्रेजी में – इण्डियन टिनोस्पोरा (Indian tinospora) , मून सीड (moon seed) , टिनोस्पोरा (tinospora)
  • पंजाबी में – पालो (palo) , गिलोगुलरिच (gilogularich) , गरहम
  • गुजराती में – गुलवेल (gulvel), गालो (galo)
  • मराठी में – अम्बरवेल (ambarvel)
  • तेलगु में – तिप्पतीगे (tippatige) , गुडूची
  • मलयालम में – अमृतु (amritu) , पेयामृतम , चिंतामृतु
  • तमिल में – अमृदवल्ली , शिन्दिलकोडि
  • नेपाली में – गुर्जो



गिलोय के फायदे और नुकसान | Giloy Advantages and disadvantages in Hindi

नीचे स्क्रॉल करें और गिलोय के फायदे और नुकसान (Giloy Advantages and disadvantages in Hindi) जानें।

गिलोय के फायदे | Benefits of Giloy in Hindi

अब जानते हैं गिलोय के फायदों के बारे में –

1. डायबिटीज में गिलोय के फायदे 

कई लोगों को यह शंका होती है की डायबिटीज में गिलोय का उपयोग करें या न करें, आप डायबिटीज में गिलोय का उपयोग कर सकते हैं क्योंकि गिलोय में हाइपो ग्लेसिमिक गुण पाया जाता है जोकि ब्लड में शुगर लेवल को कम करता है | इसलिए यह डायबिटीज में अच्छा माना गया है | डायबिटीज में गिलोय का उपयोग आंवले और हल्दी के साथ कर सकते है |

2. चिकनगुनिया में फायदेमन्द 

चिकनगुनिया बुखार के बाद रोगी को जोड़ों में दर्द जैसी समस्या बनी रहती है | तो इस मामले में गिलोय प्रकृति द्वारा दिया गया एक उपहार है | शरीर में प्लेट्स को बढाने के लिये गिलोय बहुत असरदार साबित होता है |

3. बुखार में सहायक है गिलोय

दोस्तों गिलोय सभी प्रकार के बुखार से राहत दिलाता है यह विशेष रूप से डेंगू , चिकनगुनिया , स्वाइनफ्लू जैसे वायरस से लड़ने में सहायक होता है और यदि आपके शरीर में कोई साइड इफ़ेक्ट हो जाता है तो आपको गिलोय का सेवन जरूर करना चाहिये |

4. रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिलोय

गिलोय का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है, इसलिए सभी को सुबह गिलोय का सेवन जरूर करना चाहिये | इसके सेवन से शरीर में कमजोरी अथवा दुर्बलता दूर होती है यह शरीर को अन्दर से मजबूत बनाता है |

5. पाचन शक्ति में गिलोय के फायदे 

गिलोय पाचन शक्ति के लिये अच्छा माना जाता है | यदि आपको भी पेट से जुडी कोई समस्या है जैसे कि – ठीक से पेट साफ़ नहीं होता , भोजन पच नहीं पाता या फिर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है तो ऐसे में आपको भी गिलोय का सेवन करना शुरू कर देना चाहिये |

6. रक्त को स्वस्थ रखे गिलोय

रक्त को शुद्ध और स्वस्थ रखने के लिये भी गिलोय का उपयोग किया जाता है | इसलिए गिलोय का नियमित सेवन करना चाहिये क्योंकि जब रक्त साफ़ रहेगा तो आपका शरीर भी स्वस्थ रहेगा |

7. इम्युनिटी को बढ़ाने में गिलोय के फायदे 

गिलोय का सेवन करने से आपकी इम्युनिटी पॉवर मजबूत होती है | इसके परिणाम स्वरुप आपको जल्दी कोई बीमारी नहीं होती है क्योंकि यह रोगों से लड़ने में आपकी मदद करता है|

8. स्तन्यशोधक के लिये गिलोय

गिलोय का सेवन करने से यह दूध की क्वालिटी को बढाता है इसलिए महिलाओं को डॉक्टरों से परामर्श लेकर इसका सेवन करना चाहिये |

9. कफ में उपयोगी है गिलोय 

इसके सेवन से यह कफ को कम करता है, गिलोय प्रायः वेट (wet) कफ और ड्राई (dry) कफ दोनों में असरदार होती है | गले में कफ हो जाने से गले में सूजन और दर्द जैसी समस्या सामने आने लगती है | तो कफ से छुटकारा पाने के लिये आप लोगों को गिलोय का सेवन करना चाहिये |

10. जलन सम्बंधी समस्या में गिलोय के फायदे 

शरीर में कभी – कभी जलन होने लगती है या फिर पेशाब में जलन जैसी समस्या होने लगती है तो आपको भी सुबह उठते हि गिलोय का सेवन करना शुरू कर देना चाहिये , यह जलन से छुटकारा दिलाता है |

11. तृष्णा को संतुलित करता है गिलोय 

कई लोगों को तृष्णा या बार–बार पानी पीने की आदत होती है अथवा ऐसा कहें की उन्हें बार – बार पानी पीने की समस्या हो जाती है | तब यदि वो गिलोय का सेवन करते हैं तो वह इसे कन्ट्रोल करता है |

12. एनीमिया को दूर करने में गिलोय के फायदे 

कभी–कभी शरीर में ठीक से रक्त का निर्माण नहीं हो पता है या फिर किसी कारण से शरीर में रक्त की कमी हो जाने में कारण कमजोरी अथवा एनीमिया जैसी समस्या हो जाती है | ऐसे में गिलोय बहुत फायदेमन्द होता है |

13. उम्र में चमत्कारी 

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनकी उम्र उनकी उम्र से ज्यादा दिखने लगती है | तो ऐसे में गिलोय का सेवन करने से इस समस्या से छुटकारा मिलता है और साथ ही चेहरे में चमक आती है |

14. त्वचा से जुडी समस्या में 

कई लोगों को त्वचा (Skin) से जुडी समस्या बनी ही रहती है जैसे चेहरे में झुर्रियां पड़ना , चेहरे का ग्लो कम हो जाना और इसके साथ ही शरीर में खुजली जैसी समस्या होने लगती है | तो गिलोय का सेवन करने से इन सभी प्रकार की समस्या से राहत पा सकते हैं |

15.सफ़ेद दाग/चर्म रोग में –

शरीर में सफ़ेद दाग होने पर खान – पान का बहुत ध्यान रखना होता है | आपको सुबह और शाम ताज़ा गिलोय और एलोवेरा का सेवन करना चाहिये |

यहाँ काजू के फायदे और नुकसान पढ़ें।

गिलोय का सेवन कब और किसे करना चाहिये | When and who should consume Giloy in Hindi

वैसे तो गिलोय का सेवन हम सभी को सुबह उठकर करना चाहिये क्योंकि यह स्वस्थ के लिये अच्छा होता है | लेकिन गिलोय का सबसे अधिक उपयोग डेंगू , चिकनगुनिया जैसे बुखार अथवा गले के लिये बहुत अधिक किया जाता है | यदि आपको डायबिटीज की समस्या है , आपका पाचन तन्त्र ठीक नहीं है या फिर आपकी इम्युनिटी कमजोर है तब आपको गिलोय का सेवन जरूर करना चाहिये |

गिलोय का काढ़ा कैसे बनायें | How to make Decoction of Giloy in Hindi

गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि कुछ नीचे इस प्रकार दी गई है –

  1. सबसे पहले तो आपको गिलोय की लगभग 1 फिट की डंडी लेनी है, फिर आप उसे ठीक से धो लें और उस डंडी को डेढ़ से दो में काट लें , इसके बाद गिलोय की छोटी छोटी डंडी को कूटनी या खलबट से ठीक से कूट लें |
  2. अब आपको एक बर्तन में लगभग 250ml पानी लेना है और उसमे गिलोय डालकर उसे ठीक से चूल्हे अथवा गैस में उबाल लेना है | कुछ समय उबलने के बाद अब आपका स्वरस तैयार हो जायेगा | अब आप इसे किसी छन्नी से गिलास में छान लें और इसका सेवन करें, आप चाहें तो इसमें शहद को भी मिलाकर सेवन कर सकते हैं |
  3. कटे हुए गिलोय को 250-300ml पानी में डालें और इसे उबलने के लिये गैस में रख दें. फिर इसमें आधा चम्मच हल्दी डालें , फिर अदरक को भी कूट कर डाल दे और तुलसी की कुछ पत्तियां भी इसमें डाल दे | अब इन्हें ठीक से उबल जाने दें और ठीक से उबलने के बाद आप इसे छानकर इसका सेवन कर सकते हैं |



गिलोय का सेवन कितना करें | How much to consume Giloy in Hindi

गिलोय के सेवन में यदि आप गिलोय रस (juice) ले रहें हैं तो आप 20 मिली तक इसे ले सकते हैं | और यदि इसका सेवन काढ़े के रूप में करते हैं तो इसे 50 मिली से 100 मिली तक ले सकते हैं |

गिलोय के नुकसान | Side Effect of Giloy in Hindi

गिलोय के सेवन से जितने फायदे हैं | इसके साथ ही इसके सेवन में कुछ सावधानियां रखनी भी बहुत जरूरी है | नहीं तो आपको इसके सेवन से नुकसान भी हो सकता है तो चलिए जान लेते हैं गिलोय के नुकसान (Side effect of Giloy in Hindi) क्या – क्या हैं |

1.गर्भावस्था में गिलोय के नुकसान 

गर्भावस्था में अथवा गर्भवती महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिये, और जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं उन्हें भी इसके सेवन में परहेज करना चाहिये | इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें |

2. डायबिटीज में गिलोय के नुकसान

जिन्हें भी डायबिटीज की समस्या है अर्थात जो लो (low) डायबिटीज के मरीज हैं उन्हें गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिये |

3. बहुत छोटे बच्चों अथवा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिये उन्हें इसका सेवन न करने दें |

4. यदि किसी ने सर्जरी करवाई है तो उन्हें गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिये, क्योकि इसकी तासीर गरम होने के कारण यह ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर सकती है|

यहाँ वैक्सीन क्या है और कैसे काम करती है पढ़ें।

गिलोय के फायदे और नुकसान से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

Que : गिलोय के नुकसान क्या हैं?

Ans : वैसे तो गिलोय के सेवन से कोई ज्यादा नुकसान नहीं है | लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करना नुकसानदायक भी हो सकता है | गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसके सेवन से परहेज करे और सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें |

Que : गिलोय को किस बर्तन में रखकर पियें?

Ans : आप गिलोय को कांच या स्टील की गिलास में पी सकते हैं |

Que : क्या टाइफाइड में गिलोय पी सकते हैं?

Ans : हाँ, आप टाइफाइड में भी गिलोय का सेवन कर सकते हैं |

Que : लगातार गिलोय को कितने दिनों तक पियें?

Ans : वैसे तो गिलोय के सेवन से नुकसान नहीं होते हैं, लेकिन अच्छा होगा की इसे आप औषधीय के रूप में पियें | आप इसे 2-3 महीने सेवन करने के बाद कुछ दिनों तक इसका सेवन रोक दें |

Que : किस उम्र के लोग गिलोय के सेवन करें?

Ans : 5 साल से ऊपर किसी भी उम्र के लोग इसका सेवन कर सकते हैं |

Que : गिलोय कहाँ पाया जाता है?

Ans :हालाँकि, गिलोय भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में पाया जाता है , यह बगीचों में पेड़ों में लिपटा होता है | इसके अलावा इसे जंगलों और पहाड़ों में भी देखा जा सकता है |

दोस्तों हमें उम्मीद है, कि गिलोय के फायदे और नुकसान (Giloy Benefits and Side Effects in Hindi) पर आधारित यह लेख आपके लिए जानकारीपूर्ण रहा होगा। यदि आपको गिलोय के फायदे और नुकसान लेख से सम्बंधित कोई प्रश्न हैं तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं साथ ही आप हमारे साथ जुड़े रहें और अन्य हेल्थ सम्बंधित लेखों को भी पढ़ें।

Content Source – www.guru-gyan.com