म्यूचुअल फंड क्या है?: फायदे, नुकसान, निवेश कैसे करें & टॉप 10 म्यूचुअल फंड





आज के तेजी से बदलते वित्तीय बाजार में निवेश करना किसी भी व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है। विभिन्न निवेश विकल्पों में से म्यूचुअल फंड एक ऐसा विकल्प है जो निवेशकों को सुरक्षितता और सहजता के साथ विभिन्न प्रकार के परियोजनाओं में निवेश करने का मौका देता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम म्यूचुअल फंड के बारे में बात करेंगे और यह समझेंगे कि कैसे यह निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

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म्यूचुअल फंड क्या है? | What is Mutual Fund in Hindi?

म्यूचुअल फंड एक ऐसा वित्तीय उपकरण है जिसमें कई निवेशक अपने पैसे जमा करते हैं और उन पैसों को एक प्रोफेशनल निवेश प्रबंधक द्वारा विभिन्न निवेशों में निवेश किया जाता है। इस प्रकार, म्यूचुअल फंड एक समूह के रूप में निवेशकों के पूंजी को संग्रहित करके उन्हें विभिन्न वित्तीय संकेतों में निवेश करने का मौका प्रदान करता है। यह प्रबंधित पोर्टफोलियो में निवेश करने के लिए एक आसान और सुरक्षित तरीका होता है, जिससे निवेशक अपने पैसे को विभिन्न निवेश विकल्पों में वितरित कर सकते हैं।

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म्यूचुअल फंड के लाभ | Benefits of Mutual Funds in Hindi

  1. निवेशक के लिए सुरक्षितता: Mutual Funds निवेशक को विभिन्न प्रकार की निवेश संभावनाओं में निवेश करने का अवसर देते हैं, जिससे उनका निवेश सुरक्षित बनता है।
  2. प्रोफेशनल निवेश प्रबंधन: Mutual Funds में निवेशकों के पैसे प्रोफेशनल निवेश प्रबंधक द्वारा प्रबंधित होते हैं, जिनकी विशेषज्ञता से उनका पैसा विभिन्न स्रोतों में निवेश किया जाता है।
  3. लिक्विडिटी: Mutual Funds निवेशकों को उनके पैसे को आसानी से निकालने की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें आपातकाल में पैसे की आवश्यकता होने पर किसी भी समय पूरी कर सकते हैं।
  4. विविधता: Mutual Funds में विभिन्न प्रकार के निवेशों में निवेश करने का अवसर होता है, जैसे कि इक्विटी फंड्स, डेब्ट फंड्स, और हाइब्रिड फंड्स।

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें | How to Invest in Mutual Funds in Hindi

  1. निवेशकीय लक्ष्य निर्धारित करें: निवेश करने से पहले अपने निवेशकीय लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से निर्धारित करें, जैसे कि रिटायरमेंट, शिक्षा के लिए निवेश, या वित्तीय स्वतंत्रता।
  2. प्रोफेशनल सलाह लें: निवेश करने से पहले एक प्रोफेशनल वित्त सलाहकार से मार्गदर्शन प्राप्त करें, ताकि आपको सही मार्गदर्शन मिल सके।
  3. निवेश फंड का चयन करें: अपने निवेशकीय लक्ष्यों और रिस्क टोलरेंस के आधार पर म्यूचुअल फंड का चयन करें, जैसे कि इक्विटी फंड्स या डेब्ट फंड्स।
  4. नियमित निवेश करें: निवेश को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए नियमित रूप से निवेश करें।




टॉप 10 म्यूचुअल फंड | Top 10 Mutual Funds List in Hindi

Mutual Funds निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो उन्हें विभिन्न प्रकार के परियोजनाओं में निवेश करने का मौका देता है। निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक म्यूचुअल फंडों की एक सूची निम्नलिखित है:

  1. कोटक स्टॉक ओपन स्केलर प्लान: यह फंड इक्विटी निवेशों में निवेश करता है और वित्तीय वर्ष 2022 में अच्छे प्रदर्शन किया है।
  2. एक्सिडेंटल फंड्स बाय मिराएज: यह फंड बाजार के वोलेटिलिटी के बीच में भी निवेशकों को सुरक्षितता प्रदान करता है।
  3. एचडीएफसी एजुकेशनल ट्रस्ट: यह फंड डेब्ट और अन्य मुद्रा निवेशों में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है।
  4. सिक्योरिटी ट्रस्ट ऑफ इंडिया बोंड फंड: यह फंड बॉन्ड मार्केट में निवेश करने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
  5. रिलायंस स्मार्ट ऑरबिट फंड: यह फंड विभिन्न निवेशों में निवेश करके वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।
  6. एसबीआई फोकस आसेट अलोक शर्मा: यह फंड इक्विटी और दिनभर के निवेश के लिए एक उत्तम विकल्प हो सकता है।
  7. मिराएज एसेट लाइफस्टाइल फंड: यह फंड सामाजिक और वित्तीय प्राथमिकताओं के साथ साथ निवेशकों को आकर्षित कर सकता है।
  8. एसबीआई मैगनमाइट फंड: यह फंड ब्लू-चिप स्टॉक्स में निवेश करने के लिए एक उत्तम विकल्प हो सकता है।
  9. फ्रैंकलिन इंडिया स्मॉलर कंपनी फंड: यह फंड छोटी कंपनियों में निवेश करने के लिए एक उत्तम विकल्प हो सकता है जो विकास की दिशा में आगे बढ़ती हैं।
  10. सीसीएसएल फंड्स: यह फंड सुरक्षितता और विकास के साथ निवेशकों के लिए एक उत्तम विकल्प हो सकता है।

यह कुछ टॉप Mutual Funds हैं जिनमें निवेशक अपने पैसे को निवेश कर सकते हैं। हमेशा ध्यान दें कि निवेश करते समय पहले वित्त सलाहकार से परामर्श जरूर लें और अपने वित्तीय लक्ष्यों और रिस्क टोलरेंस को ध्यान में रखें।

म्यूचुअल फंड के नुकसान | Disadvantages of Mutual Funds in Hindi

Mutual Funds निवेशकों के लिए सुरक्षितता और सहजता का स्रोत हो सकता है, लेकिन यह भी कुछ नुकसानों के साथ आता है। निम्नलिखित हैं कुछ म्यूचुअल फंड के नुकसान:

  1. निवेश के लिए नियमितता: म्यूचुअल फंड में निवेशकों को नियमितता बनाए रखनी होती है। इसका मतलब है कि आपको नियमित अंतरालों पर निवेश करना होता है, जो कई लोगों के लिए कठिन हो सकता है।
  2. निवेशक के नियंत्रण में कमी: म्यूचुअल फंड में निवेशक का पैसा प्रोफेशनल निवेश प्रबंधक द्वारा प्रबंधित होता है, इसका मतलब है कि आपका निवेश पूरी तरह से उनके हाथों में होता है और आपके पास निवेशों पर सीधा नियंत्रण नहीं होता।
  3. निवेशकों की विभिन्नता: म्यूचुअल फंड में विभिन्न प्रकार के निवेशक होते हैं और उनकी वित्तीय लक्ष्य और रिस्क टोलरेंस भिन्न होती है। इससे निवेश प्रबंधक के लिए सही पोर्टफोलियो तैयार करना मुश्किल हो सकता है।
  4. निवेशकों का पैसा बंद रहता है: म्युचुअल फंड में निवेशक का पैसा निवेश प्रबंधक द्वारा प्रबंधित होता है और इसे आपके वित्तीय लक्ष्यों के लिए उपलब्ध नहीं होता। इसका मतलब है कि आपको आवश्यकता होने पर भी पैसे को निकालने में कठिनाई हो सकती है।
  5. निवेश प्रबंधक की फीस: म्युचुअल फंड में निवेशकों को निवेश प्रबंधक को फीस देनी होती है, जो कभी-कभी उनके निवेश के मामूल्य को कम कर सकती है।
  6. निवेश की नो गारंटी: म्युचुअल फंड में निवेश का वित्तीय जोखिम होता है और नो गारंटी होती है कि आपका निवेश मुनाफा देगा। बाजार के परिवर्तनों के कारण आपका निवेश मामूल्य में बदलाव हो सकता है।
  7. नकारात्मक मामूल्य वृद्धि: कुछ म्युचुअल फंड नकारात्मक मामूल्य वृद्धि के साथ आते हैं, जिससे आपका पैसा कम हो सकता है।

यह थे कुछ म्यूचुअल फंड के नुकसान, जो कि निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। निवेश करने से पहले हमेशा वित्त सलाहकार से परामर्श लें और अपने वित्तीय लक्ष्यों और रिस्क टोलरेंस को ध्यान में रखें।

म्यूचुअल फंड के फायदे | Benefits Ke Fayde in Hindi

म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक अच्छा निवेश विकल्प होता है जो उन्हें कई तरह के फायदे प्रदान करता है। यहां हम कुछ म्युचुअल फंड के फायदे पर विचार करेंगे:

  1. पेशेवर निवेश प्रबंधन: म्युचुअल फंड वित्तीय विशेषज्ञों द्वारा प्रबंधित होते हैं, जिनकी विशेषज्ञता से निवेशकों का पैसा सटीकता और सतर्कता के साथ प्रबंधित होता है। इससे निवेशकों को बेहतर मार्गदर्शन मिलता है और उनके निवेश में सुरक्षा होती है।
  2. लिक्विडिटी: म्युचुअल फंड निवेशकों को उनके पैसे को आसानी से निकालने की सुविधा प्रदान करते हैं। यह मतलब है कि जब भी आपको पैसे की आवश्यकता होती है, आप अपने निवेश से पैसे निकाल सकते हैं।
  3. विविधता: म्युचुअल फंड विभिन्न प्रकार के निवेशों में निवेश करने का अवसर प्रदान करते हैं, जैसे कि इक्विटी फंड्स, डेब्ट फंड्स, हाइब्रिड फंड्स आदि। इससे निवेशकों को विविधता का लाभ मिलता है और वे अपने निवेश को सुरक्षित और सुसंगत तरीके से विकसित कर सकते हैं।
  4. सुरक्षितता: म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए सुरक्षितता का स्रोत हो सकते हैं, क्योंकि यह निवेशकों के पैसे को प्रोफेशनल निवेश प्रबंधक द्वारा प्रबंधित करते हैं और उनकी विशेषज्ञता से उनके पैसे को सुरक्षित रखने की कोशिश करते हैं।
  5. आवश्यक जानकारी उपलब्ध: म्यूचुअल फंड के निवेशकों को निवेश प्रबंधक द्वारा विभिन्न प्रकार की आवश्यक जानकारी प्रदान की जाती है, जैसे कि निवेश के मामूल्य, प्रदर्शन, और पोर्टफोलियो संरचना। इससे निवेशकों को अच्छी तरह से समझने और निवेश करने में मदद मिलती है।
  6. सुलभता: म्यूचुअल फंड में निवेश करना सुलभ होता है, क्योंकि निवेशकों को निवेश प्रबंधक की मदद से निवेश करने की प्रक्रिया समझ में आती है। यह निवेशकों को विभिन्न प्रकार के निवेशों में आसानी से निवेश करने का अवसर प्रदान करता है।
  7. कम निवेश से शुरुआत: म्यूचुअल फंड में निवेशक छोटे राशि से भी निवेश कर सकते हैं, जिससे कि उन्हें निवेश करने के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता नहीं होती है।

इन फायदों के साथ, म्यूचुअल फंड निवेशकों को वित्तीय स्वतंत्रता, सुरक्षा, और विविधता का एक अच्छा स्रोत प्रदान करते हैं। यदि आप निवेश करने की सोच रहे हैं, तो म्यूचुअल फंड एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकता है, लेकिन ध्यान दें कि पहले वित्त सलाहकार से परामर्श लें और अपने वित्तीय लक्ष्यों को समझें।



म्यूचुअल फंड कितना रिटर्न देता है | How much return does mutual fund give in Hindi

म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक विभिन्न प्रकार के निवेशों में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है, और इसका रिटर्न विभिन्न कारणों पर निर्भर करता है। म्यूचुअल फंड का रिटर्न निम्नलिखित कारणों पर आधारित हो सकता है:

  1. निवेश के प्रकार: म्यूचुअल फंड में निवेशक विभिन्न प्रकार के निवेशों में निवेश कर सकते हैं, जैसे कि इक्विटी फंड्स, डेब्ट फंड्स, हाइब्रिड फंड्स आदि। इन प्रकार के निवेशों के रिटर्न भिन्न होते हैं।
  2. बाजार की परिस्थितियाँ: बाजार की परिस्थितियाँ म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर बहुत प्रभाव डाल सकती हैं। अच्छे बाजार में रिटर्न अधिक हो सकता है, जबकि बुरे बाजार में रिटर्न कम हो सकता है।
  3. निवेशकीय अवधि: निवेशकीय अवधि भी रिटर्न पर प्रभाव डालती है। लंबे समय तक निवेश करने से अधिक रिटर्न की संभावना होती है, क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं।
  4. निवेशक की चयनित फंड की प्रदर्शन: निवेशक जिस म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, उसके चयनित फंड की प्रदर्शन भी उनके निवेश के रिटर्न पर प्रभाव डालती है।
  5. निवेश राशि: निवेशक द्वारा निवेश की गई राशि भी रिटर्न पर प्रभाव डालती है। अधिक राशि से निवेश करने से अधिक रिटर्न की संभावना होती है।

म्यूचुअल फंड के रिटर्न वर्ष के प्रत्येक समयांतर में बदलते रहते हैं और उनका कोई निश्चित पैटर्न नहीं होता है। रिटर्न के साथ-साथ निवेश का भी एक निश्चित स्तर होता है। आपके निवेश के रिटर्न को बेहतर बनाने के लिए, आपको वित्त सलाहकार से सलाह लेने और अच्छे से निवेश की योजना बनाने की सलाह दी जाती है।

म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए सुरक्षित और सहज निवेश का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह निवेशकों को प्रोफेशनल निवेश प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है और उन्हें विभिन्न प्रकार के निवेशों में निवेश करने का मौका देता है। इसके साथ ही, यह निवेशकों को लिक्विडिटी भी प्रदान करता है जो आपातकाल में उनके लिए उपयोगी हो सकती है। तो अगर आप भी सुरक्षितता और सहजता के साथ निवेश करना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड आपके लिए एक उत्तम विकल्प हो सकता है।


म्यूचुअल फंड क्या है और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के विभिन्न तरीके यहाँ जानें!

म्यूचुअल फंड आज के समय का एक ऐसा विषय हो गया है जिसके बारे में हर कोई जानना चाहता है इसलिए आज हम आपको इस लेख के जरिये बताएंगे की म्यूचुअल फंड क्या है (What is Mutual Fund in Hindi) और आखिर म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें (How to invest in mutual funds in Hindi)। म्यूचुअल फंड (mutual funds) एक ऐसी कंपनी है जो कई लोगों से एक साथ पैसा लाती है और इसे स्टॉक, बॉन्ड या अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करती है। स्टॉक, बॉन्ड या अन्य परिसंपत्तियों का संयुक्त होल्डिंग जो फंड का मालिक है, उसे अपने पोर्टफोलियो के रूप में जाना जाता है। फंड में प्रत्येक निवेशक शेयरों का मालिक है, जो इन होल्डिंग्स के एक हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। इन्हे भी पढ़ें – विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) के बारे में विवरण!


म्यूचुअल फंड क्या है | What is Mutual Funds in Hindi

म्यूचुअल फंड एक निवेश वाहन है, जहां कई निवेशक एक अवधि में अपनी पूंजी पर रिटर्न हासिल करने के लिए अपने पैसे को जमा करते हैं। फंड का यह कोष एक निवेश पेशेवर द्वारा प्रबंधित किया जाता है जिसे फंड मैनेजर या पोर्टफोलियो मैनेजर के रूप में जाना जाता है। बॉन्ड, स्टॉक, सोना और अन्य परिसंपत्तियों जैसे विभिन्न प्रतिभूतियों में कॉर्पस का निवेश करना और संभावित रिटर्न प्रदान करना उसका काम है। निवेश पर लाभ (या हानि) निवेशकों द्वारा सामूहिक रूप से फंड में उनके योगदान के अनुपात में साझा किए जाते हैं। इसे भी पढ़ें – क्रेडिट कार्ड बिलिंग साइकिल क्या है

म्यूचुअल फंड क्या है – म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करें | Why invest in mutual funds in Hindi

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई फायदे हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण हैं –

1. व्यवसायिक दक्षता (Professional expertise)

ऐसी स्थिति पर विचार करें जहां आप एक नई कार खरीदते हैं। लेकिन यहां पकड़ यह है कि आप ड्राइव करना नहीं जानते हैं। अब, आपके पास दो विकल्प हैं:

i) आप ड्राइव करना सीख सकते हैं
ii) आप एक पूर्णकालिक ड्राइवर रख सकते हैं

पहले परिदृश्य में, आपको ड्राइविंग सबक लेना होगा, ड्राइविंग टेस्ट पास करना होगा और लाइसेंस प्राप्त करना होगा। लेकिन अगर आपके पास ड्राइविंग कक्षाएं चलाने का समय नहीं है, तो ड्राइवर का चुनाव करना बेहतर है। यही हाल निवेश का है।
वित्तीय बाजारों में निवेश करने के लिए निश्चित मात्रा में कौशल की आवश्यकता होती है। आपको बाजार पर शोध करने और उपलब्ध सर्वोत्तम विकल्पों का विश्लेषण करने की आवश्यकता है। आपको एसेट क्लास के नजरिए से मैक्रो इकोनॉमी, सेक्टर, कंपनी फाइनेंशियल जैसे मामलों पर ज्ञान की जरूरत है। इसके लिए आपको महत्वपूर्ण समय और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। इसे भी पढ़ें – वित्तीय लेखांकन क्या है

लेकिन अगर आपके पास बाजार में गहराई तक पहुंचाने का कौशल या समय नहीं है, तो म्यूचुअल फंड में निवेश एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है। यहां, एक पेशेवर फंड मैनेजर आपके निवेश का ख्याल रखता है और उचित रिटर्न प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत करता है। और जैसे ही आप ड्राइवर को उसकी सेवाओं के लिए भुगतान करेंगे, आपको अपने म्यूचुअल फंड निवेश के पेशेवर प्रबंधन के लिए विशिष्ट शुल्क का भुगतान करना होगा। इन्हे भी पढ़ें – चार्टर्ड अकाउंटेंट कैसे बनें करियर के ऑप्शन यहाँ पढ़ें!

2. रिटर्न (Returns)

सबसे बड़े म्यूचुअल फंड लाभों में से एक यह है कि आपके पास पारंपरिक निवेश विकल्पों की तुलना में संभावित उच्च रिटर्न अर्जित करने का अवसर है जो सुनिश्चित रिटर्न देता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि म्यूचुअल फंड पर रिटर्न बाजार के प्रदर्शन से जुड़ा है। इसलिए, यदि बाजार बुल रन पर है और यह बहुत अच्छा करता है, तो प्रभाव आपके फंड के मूल्य पर दिखाई देगा। हालांकि, बाजार में खराब प्रदर्शन आपके निवेश को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। पारंपरिक निवेशों के विपरीत, म्यूचुअल फंड पूंजी संरक्षण का आश्वासन नहीं देते हैं। इसलिए अपने शोध करें और उन फंडों में निवेश करें जो जीवन में सही समय पर आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में आपकी मदद कर सकें।

3. विविधता (Diversification)

आपने कहावत सुनी होगी: अपने सभी अंडे एक टोकरी में न रखें। यह याद रखने का एक प्रसिद्ध मंत्र है कि जब आप अपने पैसे का निवेश करते हैं। जब आप केवल एक ही परिसंपत्ति में निवेश करते हैं, तो आप नुकसान का जोखिम उठा सकते हैं यदि बाजार दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। हालांकि, आप विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करके और अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाकर इस समस्या से बच सकते हैं।
यदि आप शेयरों में निवेश कर रहे थे और आपको विविधता लाना था, तो आपको विभिन्न क्षेत्रों से कम से कम दस शेयरों का चयन करना होगा। यह एक लंबी, समय लेने वाली प्रक्रिया हो सकती है। लेकिन जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आप तुरंत विविधीकरण प्राप्त करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं जो बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है, तो आपको एक ही फंड में सेक्टरों में 30 से अधिक शेयरों तक पहुंच प्राप्त होगी। यह काफी हद तक आपके जोखिम को कम कर सकता है।

4. कर लाभ (Tax benefits)

म्यूचुअल फंड निवेशक रुपये तक की कर कटौती का दावा कर सकते हैं। इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ईएलएसएस) में निवेश करके 1.5 लाख। यह कर लाभ आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत पात्र है। ईएलएसएस फंड 3 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं। इसलिए, यदि आप ईएलएसएस फंड में निवेश करते हैं, तो लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद आप केवल अपना पैसा निकाल सकते हैं।
एक और टैक्स बेनिफिट इंडेक्सेशन बेनिफिट डेट फंड्स पर उपलब्ध है। पारंपरिक उत्पादों के मामले में, अर्जित सभी ब्याज कर के अधीन हैं। हालांकि, ऋण म्युचुअल फंड के मामले में, केवल मुद्रास्फीति दर पर और ऊपर अर्जित आय (लागत मुद्रास्फीति सूचकांक {CII} में एम्बेडेड) कर के अधीन हैं। इससे निवेशकों को उच्च पोस्ट टैक्स रिटर्न अर्जित करने में मदद मिल सकती है। इसे भी पढ़ें – वर्चुअल बैंकिंग क्या है


विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड क्या हैं? | What are different types of mutual funds in Hindi?

जब आप एक कार शोरूम में प्रवेश करते हैं, तो आप बहुत सारी अलग-अलग कारों को देखते हैं। हैचबैक, सेडान, एसयूवी और शायद स्पोर्ट्स कार भी हैं। शोरूम में प्रत्येक कार एक अलग उद्देश्य प्रदान करती है। एक साहसी व्यक्ति स्पोर्ट्स कार पसंद कर सकता है, जबकि बच्चों वाला परिवार (और एक पालतू जानवर) एक एसयूवी का विकल्प चुन सकता है। उसी तरह, भारत में विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड हैं। इसे भी पढ़ें – आईपीओ क्या है?

प्रत्येक फंड प्रकार का लक्ष्य विशिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करना है। यहां सबसे लोकप्रिय प्रकार के म्यूचुअल फंड हैं जिन्हें आप पा सकते हैं:

एसेट क्लास के आधार पर फंड के प्रकार (Types of funds based on asset class in Hindi):

1. डेट म्यूचुअल फंड क्या है (What is Debt Mutual funds in Hindi)

डेट फंड (जिसे फिक्स्ड इनकम फंड के रूप में भी जाना जाता है) सरकारी प्रतिभूतियों और कॉर्पोरेट बॉन्ड जैसी परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं। इन फंडों का उद्देश्य निवेशक को उचित रिटर्न देना है और उन्हें अपेक्षाकृत कम जोखिम भरा माना जाता है। यदि आप एक स्थिर आय के लिए लक्ष्य रखते हैं और जोखिम से ग्रस्त हैं तो ये फंड आदर्श हैं।

2. इक्विटी म्यूचुअल फंड क्या है | What is Equity Mutual funds in Hindi

डेट फंड के विपरीत, इक्विटी फंड आपके पैसे को शेयरों में निवेश करते हैं। इन फंडों के लिए पूंजी की सराहना एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। लेकिन चूंकि इक्विटी फंड्स पर रिटर्न स्टॉक के मार्केट मूवमेंट से जुड़ा होता है, इसलिए इन फंडों में जोखिम अधिक होता है। वे एक अच्छा विकल्प हैं यदि आप लंबी अवधि के लक्ष्यों जैसे सेवानिवृत्ति योजना या घर खरीदना चाहते हैं क्योंकि समय के साथ जोखिम का स्तर नीचे आता है।

3. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड क्या है | What is Hybrid Mutual funds in Hindi

क्या होगा यदि आप अपने निवेश में इक्विटी के साथ-साथ ऋण भी चाहते हैं? खैर, हाइब्रिड फंड इसका जवाब हैं। हाइब्रिड फंड इक्विटी और फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज दोनों के मिश्रण में निवेश करते हैं। इक्विटी और डेट (एसेट एलोकेशन) के बीच आवंटन के आधार पर, हाइब्रिड फंड को विभिन्न उप-श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।

संरचना के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार | Types funds based on structure in Hindi:

1. ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड क्या है | What is Open-ended mutual funds in Hindi 

ओपन एंडेड फंड म्यूचुअल फंड हैं जहां कोई भी निवेशक किसी भी दिन निवेश कर सकता है। इन निधियों को उनके नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) पर खरीदा और बेचा जाता है। ओपन एंडेड फंड अत्यधिक तरल होते हैं क्योंकि आप अपनी इकाइयों को अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन फंड से रिडीम कर सकते हैं।

2. क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड क्या है | What is Close-ended mutual funds in Hindi

क्लोज-एंडेड फंड एक पूर्व-निर्धारित परिपक्वता अवधि के साथ आते हैं। निवेशक केवल लॉन्च होने पर ही फंड में निवेश कर सकते हैं और परिपक्वता के समय ही फंड से अपना पैसा निकाल सकते हैं। इन फंडों को शेयर बाजार में शेयरों की तरह सूचीबद्ध किया जाता है। हालांकि, वे बहुत तरल नहीं हैं क्योंकि व्यापारिक वॉल्यूम बहुत कम हैं।

निवेश के उद्देश्य पर आधारित म्यूचुअल फंड  के प्रकार | Types of funds based on investment objective in Hindi:

म्युचुअल फंड को भी निवेश के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।

1. ग्रोथ फंड क्या है | What is Growth funds in Hindi

ग्रोथ फंड का मुख्य उद्देश्य पूंजीगत प्रशंसा है। ये फंड शेयरों में धन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा डालते हैं। इक्विटी के लिए उच्च जोखिम के कारण ये फंड अपेक्षाकृत अधिक जोखिम भरा हो सकता है और इसलिए लंबी अवधि के लिए इसमें निवेश करना अच्छा है। लेकिन अगर आप अपने लक्ष्य के करीब हैं, उदाहरण के लिए, आप इन फंडों से बचना चाहते हैं।

2. इनकम फंड क्या है | What is Income funds in Hindi

जैसा कि नाम से पता चलता है, आय फंड निवेशकों को एक स्थिर आय प्रदान करने का प्रयास करता है। ये डेट फंड हैं जो ज्यादातर बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियों और जमा राशि के प्रमाण पत्र आदि में निवेश करते हैं। वे अलग-अलग लक्ष्यों के लिए और कम जोखिम वाली भूख वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं।

3. लिक्विड फंड क्या है | What is Liquid funds in Hindi

लिक्विड फंड्स में शॉर्ट टर्म मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे ट्रेजरी बिल, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (सीडी), टर्म डिपॉजिट, कमर्शियल पेपर वगैरह में पैसा लगाया जाता है। लिक्विड फंड्स आपके सरप्लस पैसे को कुछ दिनों के लिए कुछ महीनों के लिए पार्क करने या इमरजेंसी फंड बनाने में मदद करते हैं।

4. टैक्स सेविंग फंड क्या है | What is Tax saving funds in Hindi 

टैक्स सेविंग फंड आपको आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर लाभ प्रदान करते हैं। जब आप इन फंडों में निवेश करते हैं, तो आप हर साल 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) टैक्स सेविंग फंड का एक उदाहरण है।


म्यूचुअल फंड और निवेश लक्ष्य कैसे संबंधित हैं? | How Mutual funds and investment goals related in Hindi?

अब जब आप विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंडों को जानते हैं, तो सवाल उठता है: ‘सबसे अच्छा म्यूचुअल फंड कौन सा है? (What is Best Mutual Fund in Hindi) ‘

वैसे इस सवाल का एक भी या सही जवाब नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि फंड हाउस विशिष्ट वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए म्यूचुअल फंड डिजाइन करते हैं। और एक निवेशक के रूप में, आपको यह जानना होगा कि कौन से म्यूचुअल फंड आपके लक्ष्यों को सर्वोत्तम तरीके से प्राप्त करने में आपकी सहायता कर सकते हैं।

आपके सभी निवेश लक्ष्यों को तीन व्यापक समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

1. अल्पकालिक लक्ष्य (1-3 वर्ष): उदाहरण के लिए, 18 महीने में परिवार की छुट्टी पर जाना, कार खरीदना आदि
2. मध्यम अवधि के लक्ष्य (3-5 वर्ष): उदाहरण के लिए, 3/4 वर्षों में डिजिटल मार्केटिंग में अल्पावधि कोर्स करना
3. दीर्घकालिक लक्ष्य (5 वर्ष या अधिक): उदाहरण के लिए, अगले 5-7 वर्षों में एक घर खरीदना

12 महीने तक के किसी भी लक्ष्य के लिए, लिक्विड फंड में निवेश करना बेहतर है क्योंकि वे कम अस्थिर होते हैं। इमरजेंसी फंड बनाने के लिए लिक्विड फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है। 1-3 वर्षों के बीच के लक्ष्यों के लिए, आप अल्पावधि ऋण कोष में निवेश करना चाह सकते हैं।

मध्यम अवधि के लक्ष्यों के लिए हाइब्रिड फंड अधिक अनुकूल हैं क्योंकि उनमें पूंजी की सराहना और स्थिरता दोनों प्रदान करने की क्षमता है। दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिए, इक्विटी फंड उपयुक्त हैं।

व्यवस्थित निवेश योजनाएं क्या है? | What is Systematic Investment Plans (SIP) in Hindi?

म्यूचुअल फंड में निवेश के बारे में सबसे अच्छी विशेषताओं में से एक यह है कि आपको निवेश शुरू करने के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता नहीं है। देश में अधिकांश फंड हाउस निवेशकों को रुपये के साथ कम से कम निवेश शुरू करने की अनुमति देते हैं। सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) के माध्यम से 500 (कुछ शुरुआत 100 रुपये प्रति माह)। अब, यह आपकी निवेश यात्रा शुरू करने के लिए एक छोटी राशि की तरह लग सकता है, लेकिन जब आप काफी अवधि में लगातार निवेश करते हैं, तो आप एक पर्याप्त राशि प्राप्त कर सकते हैं।

एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश की एक विधि है जहां आप निश्चित अंतराल पर एक विशिष्ट राशि का निवेश करते हैं। इस तरह, आप बाजार में समय से बच सकते हैं और अपने धन में लगातार वृद्धि कर सकते हैं।

यह कंपाउंडिंग की शक्ति है। बदले में आप जो रिटर्न कमाते हैं, वह आपके लिए मुनाफा बनाने लगता है। इसलिए, जब आप एक लंबी समय सीमा के लिए निवेश करते हैं, तो आपके लाभ भी बढ़ जाते हैं। लेकिन कंपाउंडिंग का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, आपको जल्द से जल्द निवेश शुरू करना चाहिए और यथासंभव लंबे समय के लिए निवेश करना चाहिए। यह आपको रिटर्न बढ़ाने के लिए एक विस्तारित निवेश Window दे सकता है।

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें? | How to invest in mutual funds in Hindi

इन दिनों म्यूचुअल फंड में निवेश करना आसान हो गया है। आप इसे अपने घर से भी कर सकते हैं। अपनी निवेश यात्रा शुरू करने के लिए आप किसी भी म्यूचुअल फंड कंपनी में ऑनलाइन इन्वेस्ट कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड क्या है – अंतिम विचार

समय पर अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना सबसे सरल तरीकों में से एक है। लेकिन निवेश करने से पहले, विभिन्न फंड विकल्पों के माध्यम से जाने के लिए पर्याप्त मात्रा में समय लें। किसी फंड में निवेश न करें क्योंकि आपके सहयोगी या मित्र ने इसमें निवेश किया है। अपने लक्ष्यों को पहचानें और उसी के अनुसार निवेश करें। यदि आवश्यक हो, तो आप सही निवेश निर्णय लेने और अपनी वित्तीय यात्रा की योजना बनाने में मदद करने के लिए एक वित्तीय सलाहकार से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही हमें उम्मीद है, कि म्यूचुअल फंड क्या है (What is Mutual Fund Hindi Me) और आखिर म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें (How to invest in mutual funds Hindi Me) के बारे में जानकारी सहायक और जानकारीपूर्ण लगी होगी साथ ही यदि आप इस तरह के अन्य लेखों को भी पढ़ना चाहते हैं, तो हमारे साथ बने रहें और अन्य लेखों की भी जाँच करें।

नोट: एसआईपी को न्यूनतम रिटर्न और / या पूंजी की सुरक्षा पर वादे के रूप में नहीं लगाया जाना चाहिए। एसआईपी बाजार की स्थितियों में गिरावट के नुकसान के खिलाफ किसी भी सुरक्षा का आश्वासन नहीं देता है।


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