हर्निया में क्या खाएं और किस चीज से करें परहेज – हर्निया के बारे मे पूर्ण विवरण यहाँ जानें!



जब शरीर का कोई भी हिस्सा अपने नार्मल आकार से बड़ा हो जाता है तो वह मौजूद झिल्ली से बाहर आ जाता है और शरीर के बाहर उभरा हुआ दिखाई देता है, इसे ही मेडिकल की भाषा में हर्निया कहा जाता है। हर्निया एक सामान्य बीमारी है जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है। हर्निया शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है लेकिन ज्यादातर मामलों में इसे पेट में देखा जाता है। हर्निया के चार प्रकार होते हैं जिन्हे हम इनगुनल हर्निया, हाइटल हर्निया, अम्बिलिकल हर्निया और इंसीजनल हर्निया के नाम से जानते हैं। तो आप यह तो जान ही चुके होंगे की हर्निया क्या होता है, तो चलिये आगे बढ़ें और हर्निया क्या है और इसके लक्षण के बारे मे जानें।

हर्निया क्या है और इसके लक्षण – हर्निया के कारण

आमतौर पर हर्निया मांसपेशियों में कमजोरी और तनाव होने की वजह से होता है। मांसपेशियों में कमजोरी और तनाव होने के काफी कारण हो सकते हैं। इसमें बढ़ती आयु या फिर बुढ़ापा, पुरानी खांसी जो काफी लंबे समय से चल रही है, चोट या सर्जरी के कारण पैदा हुआ दर्द, प्रेगनेंट होना, भारी वजन उठाना, पेट में पानी जमा होना,अचानक मोटापा हो जाना आदि शामिल हैं।

हर्निया क्या है और इसके लक्षण – हर्निया के लक्षण

हर बीमारी की तरह हर्निया के भी कुछ खास लक्षण होते हैं जिनकी मदद आप या डॉक्टर इस बात का बहुत आसानी से पता लगा लेते हैं की आप हर्निया से पीड़ित हैं। हर्निया के लक्षणों में आप हर्निया से प्रभावित क्षेत्र में उभार और गांठ के जैसा महसूस कर सकते हैं। प्रभावित क्षेत्र में दर्द, जलन, सूजन और सनसनाहट महसूस होती है। इसके अलावा आप सीने में जलन, पेट में दर्द, चक्कर और उलटी आना, बुखार आना आदि भी महसूस कर सकते हैं। अगर आप ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण को अपने आप में देख रहे हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
हर्निया के इलाज के लिए बहुत से उपाय मौजूद हैं लेकिन इन सब के अलावा भी जो सबसे जरूरी है वो है आपका अपने खान पान पर स्पेशल ध्यान देना। आपके खान पान में सही बदलाव लाने पर इस बीमारी से राहत पाया जा सकता है। अगर आप हर्निया से पीड़ित हैं तो आपको कुछ चीजें खानी चाहिए और कुछ चीजों से परहेज करनी चाहिए। इन्हे भी पढ़ें – विटामिन और उनके स्रोत की सूची

हर्निया मे किन चीजों को खाएं

अधिक मात्रा में पानी पीएं: पानी हर बीमारी का इलाज है। शरीर के जरूरत मुताबिक पानी नहीं पीने की वजह काफी बीमारियां होती हैं। पानी हर्निया के लक्षणों को कम करने में मदद करता है इसलिए ध्यान से अधिक मात्रा में पानी पीएं।

सेब खाएं या इसका ज्यूस पिएं: सेब में पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो आपकी पाचन क्रिया को ठीक करने में मदद करते हैं।

गाजर खाएं या इसका ज्यूस पिएं: गाजर में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जो हर्निया के लक्षणों को कम करने में सहायक साबित होते हैं।

केला खाएं या इसका शेक पिएं: केला में पोटैशियम होता है जो शरीर के ऐंठन को कम करता है और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। केले का सबसे ज्यादा फायदा उठाने के लिए आप इसे सुबह में नाश्ते के तौर पर खाएं। बाकी आप पूरे दिन भर में कभी भी केला खा सकते हैं।

दाल चीनी खाएं: यह पेट की परेशानियों को दूर करने में सहायक होता है। साथ ही यह पाचन क्रिया को ठीक भी रखता है।

गेंहू से बनी चीजे खाएं: गेंहू से बानी चीजें आपके पाचन क्रिया को ठीक रखती हैं। आप अपने डाइट में ओट्स, पास्ता और ब्राउन राइस शामिल करनी चाहिए।

इन सबके आलावा आपको हर्निया की स्थिति में हरी और पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, ड्राई फ्रूट्स, नॉन सिट्रस फल के ज्यूस, कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट, शतावरी, अदरक, धनिया, इलायची, ग्रीन टी, मछली आदि खानी चाहिए।


हर्निया मे किन चीजों से परहेज करें

फैट वाली चीजें न खाएं: जिन चीजों में फैट होता है उनसे आपको बचना चाहिए। क्योंकि ऐसी चीजें खाने से पेट में गैस की समस्या शुरू हो जाती है। साथ ही अचानक से मोटापा भी बढ़ने लगता है जिसकी वजह से आपकी परेशानी बढ़ सकती है। लाल मीट और ज्यादा वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट से बचें क्योंकि इनकी वजह से भोजन नली के निचले हिस्से में सूजन होने का खतरा बढ़ जाता है।

एसिड वाली चीजें न खाएं: अगर आपको एसिड रिफ्लक्स की समस्या है तो आप एसिड वाली चीजें जैसे की संतरा, चेरी, अनानास, टमाटर, सिरका, चुकंदर और कैफीन वाली चीजों से दूर रहें। यह आपके हर्निया के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं जिसकी वजह से हर्निया से प्रभावित क्षेत्र में तेज दर्द, जलन और सूजन बढ़ सकती है।

मीठी चीजों से दूर रहें: मीठी चीजों में पोषक तत्व की मात्रा कम होती है। अक्सर लोग मीठी चीजें खाकर यह सोंचते हैं की उनका पेट भर गया और इस चक्कर में वे दूसरी पोषक तत्व वाली चीजें नहीं खा पाते है। साथ ही मीठी चीजें खाने से मोटापा बढ़ता है। इसलिए मीठी चीजें जैसे की कॉर्न सिरप, काईन शुगर, ब्राउन शुगर, शहद, सॉफ्ट ड्रिंक, कुकीज, पेस्ट्री, कैंडी, चोकोलेट, पैनकेक, जेली आदि खाना बंद कर दें।

प्रिस्टीन केयर + लैप्रोस्कोपिक सर्जरी = हमेशा के लिए हर्निया खत्म

हर्निया की समस्या होने पर ऊपर बताए गए खान पान पर ध्यान देने के अलावा आपको आस पास के डॉक्टर से मिलकर इसकी जांच और इलाज करानी चाहिए। प्रिस्टीन केयर हर्निया का मात्र कुछ मिनटों में परमानेंट इलाज करते हैं। हर्निया का इलाज लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के जरिए बहुत भी अनुभवी और कुशल सर्जन की निगरानी में किया जाता है। इस सर्जरी को करने में लगभग एक घंटे का समय लगता है।

सर्जरी के दौरान मरीज को दर्द और रक्स्राव नहीं होता है साथ ही सर्जरी के बाद इंफेक्शन या जख्म बनने का खतरा लगभग न के बराबर होता है। सर्जरी के एक दिन के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है और अगले दो दिन के बाद वो अपने दैनिक जीवन के कामों करने के लिए फिट हो जाते हैं।

हर्निया का बेस्ट इलाज करने के अलावा, सर्जरी के दिन प्रिस्टीन केयर मरीज को कैब फैसिलिटी देते हैं जो सर्जरी के दिन उन्हें घर से हॉस्पिटल और सर्जरी के बाद हॉस्पिटल से घर वापस छोड़ती है। मरीज के हॉस्पिटल पहुंचने से पहले उनके लिए प्रिस्टीन टीम की तरफ से एक केयर बड्डी मौजूद रहता है जो इलाज से जुड़े सभी पेपरवर्क को पूरा करता है। साथ ही इलाज के बाद जब तक मरीज हॉस्पिटल में रूकते हैं, केयर बड्डी उनकी देखरेख और सभी जरूरी चीजों का ख्याल रखता है।

प्रिस्टीन केयर सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट पर 30% तक की छूट, गोपनीय परामर्श, डीलक्स रूम की सुविधा और सर्जरी के बाद फ्री फॉलो-अप्स की सुविधा भी देते हैं। साथ ही आप 100% इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं। अगर आप हर्निया की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो अपने शहर में प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं।